यह भी पढ़ें: इस बड़े शोरूम के बाथरूम में गर्इ महिला को दिखा ये तो निकल गर्इ चीख आैर फिर… आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर व मुरादाबाद समेत पूरे वेस्ट यूपी में लोग आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत की शिकायत कर रहे हैं। नोएडा में तो सबसे बुरा हाल है। यहां का पीएम 10 स्तर रिकॉर्ड 1135 माइक्राेग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया। जबकि दिल्ली में पीएम 10 का स्तर 981 रहा।
यह भी पढ़ें: डंपिंग ग्राउंड के विरोध उतरे अब ये सासंद, अदालत जाने की दी चेतावनी क्या कहते हैं विशेषज्ञ मुरादाबाद शहर के हिंदू कॉलेज में वनस्पति विज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अनामिका त्रिपाठी के मुताबिक, हवा में अत्यधिक जहरीले पदार्थों के कारण भी ये धुंध खतरनाक हो रही है। इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत जैसी शिकायत आ रही है। उनके मुताबिक, जब तक बारिश नहीं होगी मौसम में सुधार की गुंजाइश कम है। वहीं मौसम विभाग के मुताबिक, अगले तीन दिन तक लोगों को इससे राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। विभाग के अनुसार, 16 जून के बाद बारिश हो सकती है, जिससे राहत मिलेगी।
यह भी पढ़ें: लव मैरिज से नाराज था युवती का भाई, जीजा को देखते ही कर डाला ये काम अधिक पारे और उमस से लोग परेशान मुरादाबाद में लोगों को लगता है की प्रदूषण के कारण आसमान में धुंध छाई हुई है। धुंध के साथ ही तापमान भी काफी बढ़ा हुआ है। इस वजह से उमस भी बढ़ी हुई है। मुरादाबाद में बुधवार को अधिकतम तापमान 41 डिग्री और ह्यूमिडिटी 40 प्रतिशत रही। मुरादाबाद में प्रदूषण का लेवल सबसे खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। बुधवार को यहां एयर क्वालिटी इडेक्स 452 अंक पर था, जो एक स्वस्थ आदमी पर भी खतरनाक प्रभाव डाल सकता है। बीमार लोगों के लिए तो ये जानलेवा साबित हो रहा है। लोग आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी की शिकायत कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें: यहां बिना डिग्री के डॉक्टर चला रहे थे हॉस्पिटल, जब पड़ा छापा तो दिखा ऐसा नजारा, वीडियो आसपास के जिलों का भी बुरा हाल मुरादाबाद, संभल, अमरोहा व रामपुर समेत इनसे सटे सभी जिलो में गुरुवार को भी धुंध छाई हुई है। मौसम के जानकारों के मुताबिक, ये सब हवा में नमी और उसमें जमे धूल कणों के कारण है।
यह भी पढ़ें: सरकारी स्कूल में छात्रों के हाथ-पैर के निशान देखकर करियर चुनने की मिलेगी सलाह नोएडा में टूटा रिकॉर्ड नोएडा में बुधवार को दिल्ली से डेढ़ गुना ज्यादा प्रदूषण रहा। बुधवार शाम 5 बजे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के पास पीएम 10 का लेवल 1348 था। यह हवा में धूल के कणों को दर्शाता है। नोएडा की ही तरह ग्रेटर नोएडा की भी हालत खराब रही। इससे पहले शहर में 12 नवंबर 2017 को सबसे ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया था। उस दिन पीएम 10 का स्तर 1079 था लेकिन बुधवार को यह रिकॉर्ड टूट गया।
यह भी पढ़ें: गली में लावारिस हालत में पड़ी 1 दिन की बच्ची के ऊपर से गुजर गया कचरा भरा रेहड़ा, फिर दो बार और… पीएम 10 का असर यह धूल में मिलेे कण होते हैं। ये मुंह और नाक के जरिए फेफड़ों और सांस की नली में जम जाते हैं। ये कण सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं। अस्थमा या सांस के रोगियों के लिए तो ये जानलेवा हैं।