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मुरादाबाद

अब पुलिस कर्मियों को कानून और हथियारों की ट्रेनिंग के साथ सिखाये जा रहे “भागवत गीता” के श्लोक, ये है वजह

ट्रेनिंग में पुलिस कर्मियों को भागवत की गीता का पाठ पढ़ाया जा रहा है।

मुरादाबादFeb 10, 2019 / 07:48 pm

jai prakash

moradabad

अब पुलिस कर्मियों को कानून और हथियारों की ट्रेनिंग के साथ सिखाये जा रहे “भागवत गीता” के श्लोक, ये है वजह

मुरादाबाद: बढ़ते अपराध और सामाजिक चुनौतियों से निपटने के लिए पुलिस को आधुनिक और ट्रेंड लगातार किया जा रहा है। लेकिन बावजूद इसके आये दिन पुलिस के व्यवहार और कार्यशैली पर सवाल उठते रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सूबे की सबसे बड़ी पुलिस अकादमी में अब ट्रेनिंग में पुलिस कर्मियों को भागवत की गीता का पाठ पढ़ाया जा रहा है। ताकि वे गीता के दर्शन को जीवन में उतारकर कर्तव्य और अनुशासन की नयी परिभाषा गढ़ें। मुरादाबाद की पुलिस अकादमी इस तरह का प्रयोग करने वाली पहली अकादमी बन गयी है।

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इसलिए पढ़ाया जा रहा
पुलिस की कार्यशैली और तनाव में ड्यूटी करने के चलते पुलिस को गाहे-बगाहे अजीत भी झेलनी पड़ती है। पुलिस कर्मियों को एक संतुष्टि और संयमित जीवन जीने की प्रेरणा दिलाने के लिए अब पुलिस अकैडमी में भागवत गीता के श्लोकों और दृष्टांतो की मदद ली जा रही है। पुलिस अकैडमी में ट्रेनी डिप्टी एसपी और सब इंस्पेक्टर के बैच को आजकल भागवत गीता के जरिए अनुशासन और लोगों से संयमित व्यवहार करने का पाठ पढ़ाया जा रहा है।

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प्रलोभन से दूर रहने की सलाह
अकादमी के एसपी पी के तिवारी ने बताया कि भागवत गीता में कर्म और फल की इच्छा मत करो जैसे इस लोगों के जरिए पुलिसकर्मियों को निस्वार्थ भाव से पीड़ित को न्याय दिलाने और बिना प्रलोभन के काम कर एक अच्छे अधिकारी बनने की नसीहत दी जा रही है। पुलिस कर्मियों को अध्यात्म का ज्ञान देकर बताया जा रहा है। कि भौतिक सुख सुविधाओं से संतुष्टि होने की जगह इंसान को अपने कार्य से ज्यादा संतुष्टि और प्रसिद्धि मिलती हैं। सही और गलत की पहचान कर बिना किसी शंका के अपने विवेक से सही फैसला लेना और धैर्य से समस्या का समाधान कैसे किया जाए इसका भी भागवत गीता के इस लोगों से समझाया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक भागवत गीता, रामायण, महाभारत, पुराण , कुरान, बाइबिल जैसी धार्मिक ग्रंथों से भी कैडेट को जीवन जीने के बेहतरीन तरीको से अवगत कराना प्राथमिकता में है।

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बढ़ रहा है तनाव
यहां बता दें कि पिछले कुछ सालों में पुलिसकर्मियों में बढ़ते तनाव के चलते खुदकुशी के मामले भी बड़े हैं। साथ ही लगातार ड्यूटी करने से डिप्रेशन की समस्या भी उभरी है। ऐसे में अधिकारियों की कोशिश है कि भागवत गीता जैसी धार्मिक पुस्तकों के जरिए पुलिसकर्मियों को अच्छे और बुरे का ज्ञान कराया जाय ताकि पुलिसकर्मी अच्छे इंसान बनकर अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्माण करें और अपने कर्तव्यों को बिना किसी प्रलोभन के सही तरीके से अंजाम दें।

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