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मोरेना

मेडिसिन वार्डों में पलंग 90 और मरीज भर्ती हैं 150

– जगह के अभाव में एक पलंग पर दो, किसी पर तीन मरीज भर्ती

मोरेनाAug 27, 2021 / 09:40 pm

Ashok Sharma

मेडिसिन वार्डों में पलंग 90  और मरीज भर्ती हैं 150

मेडिसिन वार्डों में पलंग 90 और मरीज भर्ती हैं 150

मुरैना. मौसमी बीमारियों के चलते इन दिनों मेडिसिन के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। जिला अस्पताल के तीन मेडिकल वार्ड में करीब ९० पलंग हैं और डेढ़ सौ के करीब मरजी भर्ती हैं। ऐसी स्थिति में किसी पलंग पर दो तो किसी पर तीन मरीज भर्ती हैं। कई बार पलंग के अभाव में मरीज को जमीन पर ही लेटना पड़ता है।
जिला अस्पताल की ओपीडी में भी इन दिनों मरीजों की संख्या बढ़ गई है। पिछले महीने पांच सौ से छह सौ मरीज रोजाना ओपीडी में आते थे लेकिन इस महीने आठ सौ से नौ सौ तक संख्या पहुंच गई हैं। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार रोजाना मेडिसिन के ७० मरीज ऐसे आते हैं जो भर्ती के लिए घर से ही तैयार होकर आते हैं। जिला अस्पताल में मरीजों के लिए पर्याप्त हवा की भी व्यवस्था नहीं हैं। मेडिसिन के अलावा सर्जीकल वार्ड में भी अटेंडर घर से पंखा लेकर आ रहे हैं। स्थिति यह है कि यहां हर पलंग पर मरीज के घर का पंखा लगा हुआ है। मेडिकल वार्ड की गैलरी में तो पंखा भी नहीं हैं, यहां मरीज के अटेंडर हाथ के पंखा से हवा करते नजर आते हैं।
दो कक्षों में आइसीयू बनने से कम पड़ गई जगह ………….
मेडिकल के दो वार्ड आइसीयू में चले गए। यहां कोविड के चलते आइसीयू बनाया गया था। उसके बाद जगह कम पड़ गई। स्थिति यह है कि वार्ड के अलावा गैलरी में भी पलंग पड़े हैं फिर भी मेडिसिन के मरीजों के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं हैं।
नई बिल्डिंग में अस्पताल शुरू होने से मिल सकती है राहत ……….
जिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग के पीछे नई बिल्डिंग का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उस बिल्डिंग के शुरू होने से काफी राहत मिल सकती है। तब तक जिला अस्पताल में मरीजों के लिए जगह का अभाव रहेगा। अधिकारियों का भी यही मानना हैं जब तक नई बिल्डिंग शुरू नहीं होती है परेशानी बनी रहेगी।
सर्जीकल वार्ड की भी यही स्थित ……….
अस्पताल प्रबंधन का कहना हैं कि सर्जीकल वार्ड की स्थिति मेडिकल से भी ज्यादा बदतर है। यहां लड़ाई झगड़े के घायल मरीज आते हैं, वह घर जाने का नाम ही नहीं लेते, ठीक हो जाते हैं लेकिन उनकी मंशा है कि ज्यादा दिन भर्ती रहेंगे तो केस अच्छा बन जाएगा। अगर कहीं किसी मरीज की छुट्टी कर दी तो वह शिकायक करने लगता है कि डॉक्टर दूसरी पार्टी से मिलकर हमारी छुट्टी कर रहा है।
फैक्ट फाइल
– ४८ के करीब चिकित्सक हैं जिला अस्पताल में।
– २५० के करीब नर्सिग स्टाफ है जिला अस्पताल में।
– ०३ वार्ड में मेडिकल के अस्पताल में।
– ३० के करीब पलंग हैं मेल मेडिकल वार्ड में।
– ५० के करीब पलंग हैं फीमेल मेडिकल वार्ड में।
– १५० के करीब मरीज भर्ती हैं मेडिकल वार्डों में।
– ७० के करीब मरीज रोाजना आते हैं मेडिकल वार्ड में भर्ती होने।
– ८५० औसतन रोजाना ओपीडी में आ रहे हैं मरीज।
कथन
– मेडिकल के दो वार्ड आइसीयू में चले गए इसलिए जगह कम पड़ गई है। स्थिति यह है कि मेडिसिन के रोजाना ७० मरीज ेऐसे आते हैं, जो भर्ती करने लायक नहीं हैं तो भी भर्ती हो जाते हैं। कुछ मरीज ऐसे भी हैं ठीक हो गए परंतु घर नहीं जाना चाहते। यही स्थिति सर्जीकल वार्ड में हैं, वहां कई मरीज ठीक हो चुके हैं फिर भी छुट्टी करवाने की मना कर रहे हैं।
डॉ. विनोद गुप्ता, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
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