सरसों की बोवनी के समय भी डीएपी का संकट इतना नहीं, जितना कुप्रबंधन दिखा। प्रशासन इससे सबक लेकर नियमित मॉनीटरिंग कर रहा है और मांग के अनुसार आपूर्ति लिए भी अभी से प्रबंधन की कोशिश कर रहा है, लेकिन जब एकदम मांग बढ़ती है तब वितरण व्यवस्थाएं लडखड़़ा जाती हैं। उम्मीद की जा रही है है की डीएपी की डंपिंग और कालाबाजारी के मामले में तीन एफआईआर दर्ज हो जाने के बाद इस बार कालाबाजरी करने वाले ज्यादा हावी न हो पाएं। पोरसा के कृषि विस्तार अधिकारी वीरेश शर्मा कहते हैं कि खाद की कोई किल्लत नहीं है। ब्लॉक स्तर पर कृषि कार्य के हिसाब से पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। वितरण व्यवस्था को व्यावहारिक बनाने के लिए गल्ला मंडी में दो स्थानों पर, मार्केटिंग सोसायटी नागाजी स्कूल के सामने तथा किर्रायंच रोड पर एक जगह के अलावा बाजार में 15 दुकानों पर पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है। कालाबाजारी और वितरण ेमे व्यावहारिकता के लिए यह जरूरी है कि किसान हर खरीदे गए खाद का बिल प्राप्त करें, ताकि आकस्मिक जांच में रास्ते में पकडऩे जाने पर कोई दिक्कत न आए। उन्होंने कहा कि यदि खाद प्राप्त करने में कोई व्यावहारिक परेशानी आती है तो कार्यालय में आकर किसान शिकायत कर सकते हैं। किसान हनुमंत सिंह कहते हैं कि खाद की व्यवस्था तो होती रहती है, लेकिन प्रशासन अचानक बढऩे वाली मांग के हिसाब से स्टॉक नहीं कर पाता। जब भीड़ होने लगती है तो हर किसान को लगता है कि खाद का संकट है और बाद में मिलेगा नहीं, इसलिए भीड़ होती है।
सरसों की बोवनी भी कर रहे किसान बेमौसम बरसात से खराब हुई सरसों की फसल के बाद किसानों ने दोबारा बीज डाला है। अभी भी किसान बोवनी कर रहे ेहैं। अब गेहूं की बोवनी गति पकडऩे वाली है।
खाद की जिले में कहां क्या स्थिति
तहसील यूरिया डीएपी
मुरैना 1318.05 718.11
अंबाह 974.67 404.10
पोरसा 729.79 502.88
सबलगढ़ 499.62 300.15
कैलारस 1008.84 213.05
जौरा 584.14 287.50
कुल 5115.11 2425.79