दिल्ली से आए इफको के प्रबंधन निदेशक डॉ.उदयशंकर अवस्थी कहा कि आज हम विश्व के तीसरे सबसे बड़े अनाज निर्यातक देश हैं। ऐसे में हमें यूरिया का उपयोग बंद कर जेविक (ऑर्गेनिक) खाद के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए। यूरिया से लाभकारी तत्व खत्म हो रहे हैं। इससे जमीन बंजरता की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्था यूरिया बनाती है, इसके बावजूद यूरिया के उपयोग को खत्म करने पर जोर दे रही है। विपणन निदेशक इफको नई दिल्ली योगेंद्र कुमार, कुलपति राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर एसकेराव, उप महानिदेशक प्रसार भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली डॉ. एके सिंह, डायरेक्टर इफको अरुण सिंह तोमर, डॉ. अमित सिंह, मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड सुनील बंसल, अनुपम मिश्र, पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह, सूबेदार सिंह रजौधा, शिवमंगल सिंह तोमर, सत्यपाल सिंह सिकरवार, डॉ.वायपी सिंह, केविके प्रमुखड्ड डॉ. एसपीएस तोमर सहित अन्य वैज्ञानिक, नेता व बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।
तोमर ने यह भी कहा
खेती में ज्ञान की बहुत आवश्यकता है। केविके एवं अन्य संस्थाएं किसानों को उन्नत तकनीक और तरीकों का प्रशिक्षण दें। जो पौधे किसानों को इस कार्यक्रम में दिए जा रहे हैं वे न केवल पर्यावरण को शुद्ध बनाने में मदद करेंगे बल्कि किसानों की आमदनी में भी भागीदार बनेंगे। खेती को शून्य बजट पर लाने के लिए केंद्र सरकार प्रयास कर रही है। किसान प्रदर्शनियों को भी देखें और उनसे जानकारी लेेंं। तोमर ने मंच से चयनित 10 किसानों को पौधे भी बांटे और महिलाओं को भी हेल्थ किट भेंट की।
इफको बनाएगी ऑर्गेनिक खाद
इफको के प्रबंध निदेश डॉ अवस्थी ने कहा कि यूरिया का उपयोग खत्म करने के लिए संस्था एक नया खाद बना रही है। यह ऑर्गेनिक होगा, नैनो होगा और खेती के लिए पूर्ण लाभकारी होगा। किसानों को पर्याप्त मात्रा में यह उपलब्ध कराया जाएगा। डॉ. अवस्थी ने कहा कि हमारी संस्था बीजों पर की दिशा में भी काम कर रही है, लेकिन किसान खेत में बीज डालते समय उसका परीक्षण जरूर करें।