ट्रैक्टरों के प्रवेश पर रोक बेअसर
बेरोकटोक दौड़ रहे हैं शहर की सड़कों पर, चालानी कार्रवाई में बरती जा रही है सुस्ती
शहर की मुख्य सड़क से दोपहर के समय गुजरता ट्रैक्टर-ट्रॉली।
मुरैना. शहर के भीतर दिन के समय ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के प्रवेश पर प्रतिबंध है। यह बात और है कि इसके बावजूद इन वाहनों का आवागमन बदस्तूर जारी है। हालांकि शुरूआत में पुलिस ने ट्रैक्टरों का प्रवेश रोकने का प्रयास किया था, लेकिन अब इस सिलसिले में कार्रवाई बंद कर दी गई है। नतीजा यह कि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले ट्रैक्टर बेरोकटोक मुख्य सड़कों व बाजारों में दौड़ते दीख पड़ते हैं।
यातायात व्यवस्था सुधारने के उद्देश्य से प्रशासन ने डेढ़ वर्ष पहले शहर में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया था। इसकी जरूरत भी थी, क्योंकि वाहनों का अत्यधिक दबाव झेल रही एमएस रोड पर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की वजह से यातायात व्यवस्था हमेशा बिगड़ी रही है। प्रतिबंध लागू होने के बाद कुछ समय तक यातायात पुलिस ने शहर में चलने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को पकड़कर उनके चालान किए, लेकिन अब यह मुहिम लगभग थम गई है। यही वजह है कि ट्रैक्टर-ट्रॉलियां फिर से शहर की सड़कों पर दौडऩे लगे हैं। एमएस रोड के अलावा शहर के प्रमुख बाजारों में भी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की वजह से यातायात व्यवस्था के हालात बिगड़ रहे हैं। इसके बावजूद सरकारी स्तर से कड़ी कार्रवाईकी जरूरत महसूस नहीं की जा रही है।
बनी रहती है हादसों की आशंका
बेलगाम दौडऩे वाले ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के कारण शहर में हादसों की आशंका भी बनी रहती है। शहर की मुख्य सड़क पर तो कई बार ट्रैक्टर-ट्रालियों से गंभीर हादसे हुए भी हैं। वजह है कि तेज ट्रैफिक के बीच ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को कंट्रोल करना कठिन होता है। इस हकीकत की जानकारी होते हुए भी यातायात पुलिस ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। वजह यह भी है कि अधिकांश ट्रैक्टर-ट्रॉली ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं, जिनके चालकों को शहरी यातायात की समझ नहीं होती।
कथन
भारी वाहनों का प्रवेश रोकने के लिए सबसे पहले सूचना बोर्ड लगाए जा रहे हैं। ये तैयार हो चुके हैं। इसके बाद भी यदि प्रतिबंधित वाहन शहर में प्रवेश करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हरिवंश कन्हौआ, डीएसपी, ट्रैफिक