सेंट्रल रेलवे में 56 फटका केंद्र
हर इलाके में लगाए जाएंगे तीन जवान
सेंट्रल रेलवे में 56 फटका केंद्र
अरुण लाल
मुंबई. सेंट्रल रेलवे में 56 स्थानों पर फटका गिरोह सक्रिय है, जहां पर लोगों के हाथ पर डंडे या हाथ से मारकर मोबाइल और दूसरे सामान छीन लिए जाते हैं। सेंट्रल रेलवे में जनवरी 2019 से जून 2019 के बीच कुल 281 मामले दर्ज किए गए, जहां पर लोगों से मोबाइल छीने गए हैं। इससे बचने के लिए आरपीएफ ने शहाड और आंबीवली के बीच एक वॉचटॉवर बनाने की तैयारी की है।
मिली जानकारी के अनुसार मुंबई में मोबाइल चोरी की घटनाओं की बाढ़ आ गई है। ऐसे में आरपीएफ और जीआरपी ने स्पेशल ड्राइव चलाकर इन घटनाओं को रोकने की तैयारी दिखाई है। इसके लिए इन लोगों ने 56 स्थानों को रेखांकित किया है, जहां पर सबसे ज्यादा छिनैती की घटनाएं होती हैं। हर स्थान पर तीन लोगों को तैनात करने का निर्णय लिया गया है। सबसे ज्यादा मामले वडाला में देखने को मिले हैं। वडाला के रेलवे पुलिस क्षेत्र के अंर्तगत (जीटीबी नगर से कॉटन ग्रीन; माहिम-किंग्स सर्कल) तक 52 मामले सामने आए। वडाला से जीटी बी नगर तक 25 मामले हैं जो सबसे ज्यादा हैं। इसके बाद किंग्स सर्कल से वडाला तक 12 मामले सामने आए हैं। कल्याण रेलवे पुलिस के अंर्तगत आने वाले (ठाकुरली- विट्टलवाड़ी और शहाड) के बीच 50 मामले सामने आए हैं। इनमें से कल्याण से विट्टलवाड़ी के बीच सबसे अधिक 18 मामले हैं। ठाणे (दीवा और ऐरोली) के बीच 42 मामले सामने आए हैं। इनमें से ठाणे से ऐरोली इस क्षेत्र में सबसे अधिक 22 मामले दर्ज हुए हैं।
आरपीएफ के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त के के अशरफ ने बताया कि हमने सभी फटना केंद्रों के पास जीआरपी के साथ मिलकर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। हर स्थान पर हमारे दो से तीन जवान हथियारों के साथ मौजूद होंगे। एक टीम हमारी होगी उसके आगे की टीम जीआरपी की होगी। इसके अलावा हम शहाड और आंबीवली के बीच एक वॉच टॉवर बना रहे हैं। यहां पर टर्न है और कुछ खंबे हैं, जहां पर खड़े होकर अवांछित तत्व डंडे मारकर लोगों के सामान छीनते हैं। ऐसे में हम टावर से इन घटनाओं पर नजर रखेंगे। हमारा प्रयास है कि आने वाले एक महीने में हम यह वाच टावर तैयार कर देंगे ।
क्या है फटका गैंग
जो अपराधी रेलवे की पटरियों पर खड़े होते हैं और मोबाइल चोरी करने के इरादे से एक खंभे पर सवार होकर ट्रेन में सवार और पटरी के पास चलने वाले यात्रियों को मारते हैं, उन्हें फटका गिरोह कहा जाता है।