मनपा स्कूलों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए और अध्ययन-अध्यापन प्रक्रिया अधिक बेहतर हो इसके लिए मनपा आयुक्त प्रवीण परदेशी ने मनपा स्कूलों के मुख्याध्यापकों को विशेष अधिकार देने से संबंधित एक विशेष परिपत्रक हाल ही जारी किया था। उस परिपत्रक के अनुसार अगर किसी मनपा स्कूल के शिक्षक मेडिकल और अन्य कारणों से 11 अथवा अधिक दिनों तक छुट्टी पर होने पर उस समय के लिए वैकल्पिक शिक्षकों की व्यवस्था करने व उसके लिए कम से कम वेतन के अनुसार खर्च करने का अधिकार मुख्याध्यापक को दिया गया है। इसके तहत मनपा स्कूल अथवा अनुदानित स्कूल के सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों को अस्थाईतौर पर कम से कम वेतन के तहत अधिकाधिक 179 दिनों तक नियुक्ति किया जाएगा। इससे संबंधित प्रस्ताव व्यवस्थापन समिती में मंजूर कराया जाएगा। इस तरह की नियुक्ति करने के समय मुख्याध्यापकों को किन आवश्यक बातों पर ध्यान देना है,यह परिपत्रक में दिया गया है।
इस अधिकार के तहत स्कूली उपक्रम क्रियान्वयन, अभिभावकों की मीटिंग आयोजित करने,विभिन्न विषयों पर शैक्षणिक शिविर का आयोजन करने, विद्यार्थियों को विभिन्न परीक्षा में सहभागी होने के लिए परीक्षा शुल्क अदा करने, एसएससी बोर्ड परीक्षा मंडल की ओर से निर्धारित किया गया प्रति विद्यार्थी शुल्क भरना आदि बातों पर खर्च करने का अधिकार मुख्याध्यापकों को दिया गया है। शिक्षणाधिकारी महेश पालकर ने कहा कि इसके कारण स्कूल की गुणवत्ता बढ़ेगी और प्रशासनिक कार्य तेज होगा।
पांच दिनों के लिए डेटा एंट्री ऑपरेटर
शैक्षणिक गुणवत्ता की दृष्टि से सेवानिवृत्त शिक्षकों को अस्थाई तौर पर नियुक्ति के साथ साथ प्रत्येक मनपा स्कूल में प्रति महीने में कम से कम पांच डेटा एंट्री ऑपरेटर की अस्थाई नियुक्ति करने का अधिकार भी मुख्याध्यापक को दिया गया है। मनपा प्राथमिक स्कूल में लिपिक न होने के कारण स्कूल के विभिन्न काम शिक्षकों को करना पड़ता है। इससे पढ़ाई पर असर पड़ता है।