scriptMumbai: फिल्मी नहीं असल जिंदगी में तारीख पर तारीख! 24 साल बाद महज 350 रुपये के रिश्वत केस में कोर्ट ने पुलिस वाले को किया बरी | court acquitted policeman in bribery case of only Rs 350 | Patrika News
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Mumbai: फिल्मी नहीं असल जिंदगी में तारीख पर तारीख! 24 साल बाद महज 350 रुपये के रिश्वत केस में कोर्ट ने पुलिस वाले को किया बरी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने ने नासिक के येओला तालुका पुलिस थाने में तैनात तत्कालीन उप निरीक्षक दामू अव्हाड को एक रिश्वत के केस में बरी कर दिया है। दामू ने मार्च 1988 में एक व्यक्ति से कथित तौर पर 350 रुपये की रिश्वत मांगी थी।

मुंबईJul 01, 2022 / 05:21 pm

Siddharth

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Court

रिश्वत लेने के मामले में 24 साल पहले दोषी ठहराए जाने और एक साल की सजा पाने वाले एक पुलिसकर्मी को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने पाया कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में सफल नहीं रहा कि पुलिसकर्मी ने 350 रुपए की रिश्वत ली थी। महाराष्ट्र भ्रष्टाचार-निरोधक ब्यूरो ने 1988 में तत्कालीन पुलिस उप निरीक्षक दामू अव्हाड के खिलाफ 350 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में केस दर्ज किया था।
बता दें कि साल 1998 में नासिक की एक स्पेशल कोर्ट ने दामू अव्हाड को दोषी ठहराते हुए एक साल कैद की सजा सुनाई थी। दामू अव्हाड ने इसी साल बॉम्बे हाईकोर्ट में एक अपील दायर कर दी। न्यायमूर्ति वी जी वशिष्ठ की एकल पीठ ने गुरुवार को कहा कि केवल आरोपी से पैसे की बरामदगी के आधार पर दोषी नहीं ठहराया जा सकता और अभियोजन दामू अव्हाड के खिलाफ मामले को साबित नहीं कर पाए।
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1988 में पुलिसकर्मी के खिलाफ दर्ज हुआ था मामला

शुक्रवार को कोर्ट ने नासिक के येओला तालुका पुलिस थाने में तैनात तत्कालीन उप निरीक्षक दामू अव्हाड को बरी कर दिया। अभियोजन के मुताबिक, दामू अव्हाड ने मार्च 1988 में एक व्यक्ति से कथित तौर पर 350 रुपए की रिश्वत मांगी थी। भाई को जमानत दिलाने में मदद के नाम पर व्यक्ति ने पुलिसकर्मी को रकम दिया था।
आखिर में हाईकोर्ट से हेड कॉन्स्टेबल को रिहाई तो मिली लेकिन दुर्भाग्य की बात यह थी कि कोर्ट का यह फैसला तब आया, जब हेड कॉन्स्टेबल की मौत हो चुकी थी। बता दें कि ये केस हेड कॉन्स्टेबल की पत्नी और बेटी ने लड़ा था। सबूतों की कमी को मद्दे नजर रखते हुए, आरोपी को संदेह का लाभ मिलता है और वह बरी होने का हकदार है।

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