कुछ ऐसा ही पांच दिनों के शिविर में संकल्प के साथ शामिल हुआ कन्याओं ने प्राप्त किया हैं। ग्रहण शील बनने वाला व्यक्ति ही किसी चीज का लाभ उठा सकता हैं। साध्वी श्री मैत्री प्रभा ने मंच का कुशलतापूर्वक संचालन करते हुए अपने भावों को रखते हुए कहा कि हमारे संस्कार जिंदा है तो हमारी संस्कृति जिंदा रहेगी। मुम्बई सभा अध्यक्ष नरेंद्र तातेड़ ने कहा कि जिस उत्साह के साथ इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी। उसी उत्साह के साथ संपन्न हो रहा है। इस अवसर पर ठाणे कन्यामण्डल प्रभारी पुष्पा श्री श्रीमाल, रमिला बडाला, पलक डांगी, आयुषी दुग्गड़, कंशिका कच्छारा, काजल सोनी, कन्या मंडल संयोजिका मीना कच्छारा, अनिता धारीवाल, मुम्बई महिला मंडल अध्यक्षा जयश्री बडाला आदि ने अपने भावों को रखा।