scriptDoor Step School In Mumbai: गलियों में चलता-फिरता स्कूल, जरूरमंद और गरीब बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए घर-घर जाकर दी जाती है शिक्षा | Door Step School In Mumbai: School moving in the streets, door-to-door education is given for the bright future of needy and poor children | Patrika News
मुंबई

Door Step School In Mumbai: गलियों में चलता-फिरता स्कूल, जरूरमंद और गरीब बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए घर-घर जाकर दी जाती है शिक्षा

महाराष्ट्र में ऐसे कई बच्चे है जो शिक्षा से वंचित हैं। इसके पीछे जो सबसे बड़ा कारण है वो है गरीबी, गरीबी की वजह से लाखों बच्चों की ज़िंदगी से स्कूल और शिक्षा दूर हो चुकी है। इन बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। अगर यही स्कूल अगर खुद चलकर घर के बाहर पहुँच जाए तो फिर सोचिए क्या होगा।

मुंबईJul 20, 2022 / 06:34 pm

Siddharth

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Door Step School

महाराष्ट्र में ऐसे कई बच्चे है जो शिक्षा से वंचित हैं। इसके पीछे जो सबसे बड़ा कारण है वो है गरीबी, गरीबी की वजह से लाखों बच्चों की ज़िंदगी से स्कूल और शिक्षा दूर हो चुकी है। इन बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। अगर यही स्कूल खुद चलकर घर के बाहर पहुँच जाए तो फिर सोचिए क्या होगा। हमेशा आपने यही देखा और सुना है कि बच्चे स्कूल जाते है। पर क्या कभी आपने ऐसा सुना है कि स्कूल चलकर बच्चों के पास आ रहा है। जी, हां आपने बिल्कुल सही सुना है। मुंबई की गलियों में अब जरूरमंद और गरीब बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए ये स्कूल सालों से घर-घर जाकर बच्चों को शिक्षा देती है।
एक ऐसा अनोखा स्कूल जो किसी बड़ी बिल्डिंग में नही बल्कि एक बस में चलती है। दिखने में भले ही ये स्कूल छोटी दिखाई देती हो लेकिन इसी स्कूल में पढ़कर ये गरीब बच्चे अपने सपने पुरे कर सकते हैं। मुंबई के कुछ इलाकों में खड़ी ये बस दरअसल एक चलती फिरती स्कूल है। ये एक ऐसा स्कूल जहां बच्चों को जाना नही पड़ता बल्कि स्कूल खुद बच्चों के पास चलकर आता है।
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बता दें कि इन बच्चों के लिए किसी भी स्कूल में पढ़ने जाना खाली एक सपना है। क्योंकि ज्यादातर बच्चों के माता पिता प्रवासी मजदूर हैं जो किसी एक जगह नही रहते है। आज यहां तो कल कही और ऐसे ही बच्चों के लिए ये स्कूल किसी आशीर्वाद से कम नही है। पढ़े इंडिया तभी आगे बढ़ेगा इंडिया के मिशन को लेकर मुंबई के हर जरूरतमंद बच्चों को प्राइमरी शिक्षा देने के लिए ‘Door Step School’ नाम की ये संस्था सालों से काम कर रही है।
ये संस्था जरूरतमंद बच्चों को एक बस में शिक्षा देती है। लोगों को भरे ही ये बस दिखाई देती है लेकिन अंदर से ये बस किसी प्राइमरी स्कूल के क्लास रूम से कम नहीं है। मुंबई में रहने वाले जरूरतमंद और गरीब बच्चों की आर्थिक परिस्थिति बिल्कुल ठीक नही है। लेकिन इनके उज्ज्वल भविष्य के लिए ये चलता फिरता स्कूल इन बच्चों का सहारा बना हुआ है।
बता दें कि डोर स्टेप स्कूल संस्था को राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। ये डोर स्टेप स्कूल फिलहाल मुंबई और पुणे में बेस्ड है। संस्था की संचालक ने कहा कि उनका लक्ष्य है सरकार के साथ मिलकर देश की साक्षरता दर को 100 फीसदी पहुँचाना है, जिकसे लिए ये सालों से कड़ी मेहनत कर रहे हैं। बस के अंदर इस स्कूल में 3 साल से लेकर 16 साल की उम्र तक के बच्चों को शिक्षा दी जाती है। इसके बाद बच्चों को शुरुवाती शिक्षा देने के बाद उनका दाखिला सरकारी स्कूल में कराया जाता है। बता दें कि इसी स्कूल से पढ़कर कई गरीब और जरूरमंद बच्चे का भविष्य उज्ज्वल हुआ हैं। कई बच्चे आज पढ़कर लिखकर अपने परिवार का सहारा बने हैं।

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