शिवसेना नेता व महाराष्ट्र के शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि उनके साथ एमवीए सरकार के 35 विधायक है। उन्होंने शिवसेना प्रमुख को बताया कि शिवसेना विधायक एनसीपी और कांग्रेस के खिलाफ हैं। शिंदे और अन्य विधायकों के विद्रोह से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बहुमत के आंकड़े से दूर हो चुके है। यानी अब महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।
बता दें कि शिवसेना ने बगावत करने के बाद शिंदे को पार्टी के समूह नेता पद से हटा दिया और उनकी जगह एक वफादार शिव सैनिक अजय चौधरी को विधायक दल का नेता नियुक्त किया।
महा विकास अघाड़ी सरकार पर मंगलवार सुबह उस समय राजनीतिक संकट आ गया, जब मंत्री एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना के 25 से अधिक विधायक ‘पहुंच से दूर’ हो गए। सूत्रों ने कहा कि शिवसेना के बागी विधायक सूरत के एक होटल में शिफ्ट हो गए, क्योंकि वे पार्टी और एमवीए सरकार से नाखुश हैं।
पता चला है कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व भी गुणा-गणित कर रहा है और उम्मीद कर रहा है कि शिंदे अपने खेमे में और विधायक लाएंगे। जिसकी संख्या के आधार पर ही बीजेपी एमवीए सरकार से विधानसभा के पटल पर बहुमत साबित करने के लिए कहेगी। हालांकि बीजेपी इसके लिए जल्दबाजी बिल्कुल नहीं करना चाहती है। बीजेपी ने अब तक के रवैये से यह लग रहा है कि वह उद्धव सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के बजाय सदन के पटल पर बहुमत साबित करने के लिए कहेगी।
288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में जादुई नंबर 144 है, जबकि वर्तमान में कुल 287 विधायक है। मुंबई के शिवसेना विधायक रमेश लटके का हाल ही में निधन हो गया। एमवीए-बीजेपी के अलावा, निर्दलीय या छोटे दलों के विधायकों का एक महत्वपूर्ण 29-मजबूत समूह है जो सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों पक्षों के लिए महत्वपूर्ण हो गए हैं।
एमवीए में शिवसेना (55), राकांपा (53) और कांग्रेस (44), और छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन से, सत्तारूढ़ गठबंधन के पास लगभग 169 विधायक हैं। बीजेपी के पास 106 हैं, साथ ही छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन है जो लगभग 114 की ताकत प्रदान कर रहा है। बाकी पांच किसी से भी जुड़े हुए नहीं हैं। अगर एकनाथ शिंदे के खेमे के दो दर्जन से ज्यादा विधायक बीजेपी के समर्थन में आते है तो वह सत्ता के बेहद करीब पहुंच सकती है।