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क्या गिर जाएगी महाराष्ट्र की शिंदे सरकार? राउत का दावा- 22 MLA और 9 MP साथ छोड़ने के लिए तैयार

Eknath Shinde Vs Uddhav Thackeray: उद्धव गुट के सांसद विनायक राउत ने कहा कि तानाजी सावंत और गजानन कीर्तिकर भी नाखुश हैं। सावंत को बजट नहीं मिल रहा है। वे कह रहे हैं कि वे आग में गिर गए।

मुंबईMay 29, 2023 / 07:40 am

Dinesh Dubey

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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के शिवसेना नेताओं की नाराजगी के संकेत पिछले कुछ दिनों से खुले तौर पर मिल रहे हैं। यहां तक कि राजनीतिक हलकों में चर्चा चल रही है कि कुछ विधायक शिंदे गुट छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इसमें एक नाम बालाजी किणीकर का भी बताया जा रहा हैं। शनिवार को एनसीपी (राकांपा) नेता और विधायक जितेंद्र आव्हाड ने दावा किया कि किणीकर किसी भी हालत में वापस ‘मातोश्री’ जाना चाहते है। इसी तरह उद्धव ठाकरे गुट के नेता सांसद विनायक राउत ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि 22 विधायक शिंदे गुट छोड़ने के मूड में हैं और 9 शिवसेना सांसद भी हमारे संपर्क में हैं।

एकनाथ शिंदे गुट के शिवसेना 22 विधायक खफा हैं और ये विधायक शिंदे गुट छोड़ने का मन बना चुके हैं। जबकि 13 में से 9 सांसद भी हमारे संपर्क में हैं। सांसद भी शिंदे गुट से नाराज हो गए हैं। क्योकि काम नहीं हो रहा है, उनके साथ अपमानजनक व्यवहार हो रहा है। एकनाथ शिंदे खुद ही खुद का विनाश कर रहे है।

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उद्धव ठाकरे गुट के सांसद विनायक राउत ने दावा किया है कि शिंदे खेमे के विधायकों और सांसदों ने शिकायत की है कि उन्हें अहमियत नहीं मिल रही है। विनायक राउत ने दावा किया शंभू राजे देसाई ने पंद्रह दिन पहले उद्धव ठाकरे को एक संदेश भेजा था। जिसमें उन्होंने उद्धव ठाकरे से कहा कि यहां (शिंदे खेमे में) हमारा दम घुट रहा है।
उद्धव गुट के सांसद राउत ने कहा कि तानाजी सावंत और गजानन कीर्तिकर भी नाखुश है। सावंत को बजट नहीं मिल रहा है। वे कह रहे हैं कि वे आग में गिर गए। बीजेपी ने अब शिंदे गुट को बदनाम करने की कोशिश शुरू कर दी है। इसी वजह से शिंदे गुट के विधायक और सांसद दुविधा में पड़ गए हैं। हालांकि राउत के इन दावों ने राजनीतिक नेताओं की भौंहें चढ़ा दी हैं।

मालूम हो कि 2019 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बहुमत के बाद भी बीजेपी और शिवसेना गठबंधन सरकार बनाने में असफल रही। क्योकि दोनों सहयोगियों में मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद हो गया था। तब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और बीजेपी का दशकों पुराना गठबंधन भी टूट गया।

बाद में महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ हाथ मिलाया और 2019 में शिवसेना राजग (NDA) से भी बाहर हो गई। तीनों दलों ने महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी (एमवीए) सरकार का गठन किया था। पिछले साल जून महीने में शिवसेना में फूट के बाद एकनाथ शिंदे ने बीजेपी से हाथ मिला लिया था और मुख्यमंत्री बन गए थे।

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