RSS चीफ मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्र ध्वज के शीर्षस्थ रंग को हम केसरिया रंग कहते हैं जो त्याग, कर्म, प्रकाश और ज्ञान का रंग है। हम पवित्र बनेंगे, हमारा मन विकारों से ग्रस्त नहीं होगा इसलिए दूसरा रंग सफेद है। सभी प्रकार की समृद्धि का हरा रंग लक्ष्मी जी का प्रतीक है।
भागवत ने कहा कि यह सब हम धर्म का पालन करके ही कर सकते हैं इसलिए ध्वज के केंद्र में धर्म चक्र है। इन बातों को समझकर हमें परिश्रम करना चाहिए। हमें ये नहीं सोचना चाहिए कि मुझे क्या मिलेगा। मैं अपने देश को क्या दे रहा हूं इसका विचार करके ही हमें अपना जीवन जीने की आवश्यकता है।
आरएसएस चीफ ने कहा कि भारत को बहुत संघर्ष के बाद आजादी मिली है। उसे आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है। उन्होंने नागपुर में स्थित संघ मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत विश्व को शांति का संदेश देगा।
मोहन भागवत ने कहा कि आज गर्व और संकल्प का दिन है। वे बोले कि लोगों को यह नहीं पूछना चाहिए कि देश और समाज उन्हें क्या देता है। बल्कि यह बात सोचना चाहिए कि वे देश को क्या दे रहे हैं। इस दौरान कड़ी सुरक्षा के बीच यहां आरएसएस के कुछ स्वयंसेवक और प्रचारक भी मौजूद रहे।