मिली जानकारी के मुताबिक, नागपुर में हिंगना और कामठी तालुकाओं में फूड प्वाइजनिंग से 100 लोग बीमार हो गए। उन्हें इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) विभाग ने सिंघाड़े के आटे का सैंपल लिया है आगे की जांच कर रही है।
बताया जा रहा है कि पीड़ितों को उल्टी, सीने में जलन, पेट में दर्द, दस्त, शरीर में दर्द जैसे लक्षण दिखे और उन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। बताया जा रहा है कि इन सभी ने जो खाद्य पदार्थ खाए थे वह एक ही कंपनी के सिंघाड़े के आटे से बने थे। जो कथित तौर पर एक्सपायर हो गए थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाशिवरात्रि के दिन शहर के विभिन्न हिस्सों में एक ही ब्रांड के सीलबंद सिंघाड़े के आटे खाने के कारण यह घटना घटी। इससे खाद्य एवं औषधि प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे है।
एक अधिकारी ने बताया कि कामठी इलाके के कुछ लोगों ने दुकानों और सड़क किनारे गुमटियों से व्रत के लिए तैयार किया गया ‘फलहार’ खरीदा था और उसे खाने के बाद वे बीमार पड़ गए। गणेश नगर इलाके में सिंघाड़े के आटे से बनी जलेबी और अन्य खाद्य पदार्थ खाने के बाद एक परिवार के 7 लोग बीमार हो गए।
वहीँ, नागपुर के इतवारी इलाके का एक कपड़ा व्यापारी धार्मिक स्थल से मिला प्रसाद खाने के बाद बीमार पड़ गया। ऐसे ही वर्धमान नगर इलाके का एक व्यक्ति देर रात खाना खाने के बाद बीमार पड़ गया, वहीं राणा प्रताप नगर की एक बुजुर्ग महिला की कढ़ी खाने के बाद तबियत खराब हो गई। मामले की जांच जारी है।