बीते मंगलवार को शिंदे सरकार के कैबिनेट विस्तार के बाद रविवार को मंत्रियों को उनके विभाग सौंपे गए। लेकिन विभागों के बंटवारे की घोषणा होने के बाद से शिंदे खेमे के कई मंत्री नाखुश बताये जा रहे है। उधर, बीजेपी ने भी नरम रुख अपनाया है और जरूरत के मुताबिक आगे निर्णय लेने की बात कही है।
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विभागों के आवंटन में बीजेपी को ज्यादा अहमियत देने के आरोप लगाये जा रहे है। बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और विधायक चंद्रकांत पाटील को उच्च और तकनीकी शिक्षा, कपड़ा उद्योग और संसदीय कार्य के विभाग सौंपे गए है। जबकि कुछ साल पहले कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए राधाकृष्ण विखे पाटील को राजस्व विभाग की जिम्मेदारी दी गयी है। राज्य के राजनीतिक गलियारों में इस संबंध में चर्चा तेज हो गयी है कि शिंदे समूह के मंत्रियों को कम महत्वपूर्ण विभाग दिए गए है। इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने खुद मोर्चा संभालते हुए कहा “अंत में विभाग कौन सा मिला इससे ज्यादा मायने यह रखता है कि हम उस विभाग को न्याय देते हैं।“ उन्होंने कहा कि मंत्रालयों की तुलना करना अधिक महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि उसमें किया गया काम है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विश्वास जताते हुए कहा “जिन मंत्रियों को जो भी विभाग की जिम्मेदारी दी गई है, वे उस जिम्मेदारी को सफलतापूर्वक निभाएंगे। महाराष्ट्र के लोगों को न्याय देंगे। एक बार मंत्री बनने के बाद वह किसी विशेष क्षेत्र का मंत्री नहीं बल्कि पूरे राज्य का मंत्री होता है। इससे राज्य भर में हमारे मंत्रियों के माध्यम से विकास होगा। आम लोगों को न्याय मिलेगा।“