बता दें कि साल 2017 में ठाणे शहर में करीब 1.62 लाख सामान्य मतदाताओं की बढ़ोतरी हुई है। 2022 तक पंजीकृत 7.45 लाख पुरुषों, 6.45 लाख महिलाओं और 108 ट्रांसजेंडरों सहित यहां लगभग 13.9 लाख मतदाता हैं। ठाणे के मनपाड़ा में रहने वाली एक ट्रांसजेंडर ने कहा कि हम पहले अपने पेशे या पहचान का खुलासा करने से डरते थे, लेकिन हमारे समुदाय के नेताओं ने हमें हमारी पहचान और मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के लाभों को समझने में मदद की है।
उन्होंने आगे कहा कि समुदाय में प्रथा के मुताबिक हम में से अधिकांश नेताओं या गुरुओं का अनुसरण करते हैं, इस प्रकार हम में से अधिकांश मतदाता के रूप में पंजीकृत हो गए हैं। ऐसे कई सामाजिक संगठन भी हैं जो शिक्षा और रोजगार के जरिए ट्रांसजेंडर समुदाय को मुख्यधारा में लाने के लिए आगे आए हैं, इसके साथ ही उन्हें वोट डालने के लिए मोटीवेट भी करते रहते हैं।
अक्षयशक्ति वेलफेयर एसोसिएशन के संस्थापक मिनी सुबोध ने कहा कि उनमें से कुछ सामान्य वातावरण में रहने के इच्छुक हैं और इसलिए हम उन्हें वोट डालने के लिए मनाने में कामयाब होते हैं। कई के पास कोई पहचान प्रमाण नहीं है। इसमें सबसे बड़ी वजह है कि वे आगे आने से घबराते हैं।
ठाणे नगर निगम के आयुक्त विपिन शर्मा ने कहा कि मार्च में इंटरनेशनल ट्रांसजेंडर डे के अवसर पर एक सप्ताह तक चलने वाली पहल का आयोजन किया गया था, जिसमें हमारे अधिकारियों ने शहर भर के अलग-अलग वार्डों में स्थित ट्रांसजेंडरों से बातचीत की और उन्हें मतदाता के रूप में रजिस्टर करवाने में मदद की। इस प्रकार ट्रांसजेंडर समुदाय के मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई।