ज्ञात हो कि समीर वानखेड़े ने महाराष्ट्र सामाजिक न्याय विभाग की मुंबई जिला जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति द्वारा क्लीन चिट मिलने के बाद यह मामला दर्ज कराया है। उन्होंने यह केस एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज कराया है। इससे पहले नवाब मलिक जब महाराष्ट्र सरकार में मंत्री थे तो उन्होंने समीर वानखेड़े पर एससी-एसटी के फर्जी डाक्यूमेंट्स बनाकर नौकरी हासिल करने का आरोप लगाया था।
मुंबई पुलिस द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार समीर वानखेड़े की शिकायत पर नवाब मलिक के खिलाफ मानहानि के आरोप को लेकर रविवार को मामला दर्ज कराया है। कास्ट स्क्रूटनी कमेटी ने समीर वानखड़े के पक्ष में निर्णय दिया है। साथ ही 91 पेज के आदेश में उस दलील को भी खारिज किया है जिसमें कहा गया था कि वानखेड़े जन्म से मुसलमान हैं। आदेश में यह भी कहा गया कि यह भी साबित नहीं होता है कि वानखेड़े और उनके पिता ने इस्लाम धर्म अपनाया था।
वानखेड़े का कहना है कि महाराष्ट्र में जाति जांच समिति ने मेरे खिलाफ दर्ज शिकायतों को अब खत्म किया है। वे बोले कि हमारी तरफ से सबमिट किये गए सभी डाक्यूमेंट्स को वैध माना है। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं और मेरे पिता महार समुदाय से हैं। दरअसल यह पूरा विवाद पिछले साल उठा था जब समीर वानखेड़े मुंबई में नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो के प्रमुख थे।