तो नहीं होता 17 लोगों की जान लेने वाला होर्डिंग हादसा!
एक रिपोर्ट से पता चला है कि मुंबई के व्यवसायी भावेश भिंडे के खिलाफ 100 से अधिक नोटिस और जुर्माना जारी किया गया था। यह नोटिस और जुर्माना होर्डिंग लगाने संबंधित नियमों के उल्लंघन को लेकर था। इससे पता चलता है कि अगर समय पर त्वरित कार्रवाई की गई होती तो घाटकोपर होर्डिंग हादसे को रोका जा सकता था। हालाँकि, इस घटना ने मुंबई, पुणे, नोएडा और चेन्नई सहित देश के विभिन्न शहरों के प्रशासन की आँखें खोल दीं। जहां बड़े और अवैध होर्डिंग्स हटाने की कवायद शुरू की गई। गौरतलब हो कि मुंबई के घाटकोपर के पंतनगर इलाके में ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे के किनारे रेलवे पुलिस पुलिस की जमीन पर भावेश भिंडे की कंपनी ने अवैध रूप से 14,400 वर्ग फुट का होर्डिंग लगाया था। जो होर्डिंग 13 मई की शाम करीब 04:30 बजे तेज आंधी से उखड़ गया और पेट्रोल पंप पर जा गिरा। सैकड़ों किलो वजनी होर्डिंग के नीचे दर्जनों वाहन दब गए। इस घटना में 17 लोगों की मौत हुई और 70 से अधिक घायल हुए।
हादसे के बाद होर्डिंग लगाने वाली विज्ञापन कंपनी का निदेशक भावेश भिंडे फरार हो गया। हालांकि 72 घंटे तक फरार रहने के उसे राजस्थान के उदयपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल वह 26 मई तक पुलिस रिमांड में है।
होर्डिंग ढहने की घटना की जांच के लिए बुधवार को मुंबई क्राइम ब्रांच ने छह सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। एसआईटी ने भावेश भिंडे के आवास की जांच की है और वहां से महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए। जांच के दौरान पता चला कि भिंडे के अलग-अलग बैंकों में कुल 7 बैंक खाते हैं। इस बात की जांच की जा रही है कि भिंडे को होर्डिंग लगाने का ठेका कैसे मिला और उसने कितनी कमाई की। एसआईटी भिंडे की कंपनी के कर्मचारियों से भी पूछताछ कर रही है।
मुंबई पुलिस ने घाटकोपर के पंतनगर थाने में भावेश भिंडे और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 304, 338, 337 और 34 के तहत मामला दर्ज किया है। भिंडे के खिलाफ पहले से 23 मामले दर्ज हैं, जिनमें चेक धोखाधड़ी और पेड़ों की अवैध कटाई भी शामिल है। उसे बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था।