आयकर विभाग को तलाशी अभियान में दस्तावेजों और डिजिटल डेटा के रूप में विभिन्न आपत्तिजनक सबूत मिले हैं। जिन्हें जब्त कर जांच की जा रही है। तलाशी के दौरान एकत्र किए गए इन साक्ष्यों सहित विभिन्न व्यक्तियों के शपथ-पत्रों के बयानों से काम करने के तौर-तरीकों का खुलासा हुआ है।
अब तक की जांच में पता चला है कि आरोपी फंड मैनेजर और मुख्य ट्रेडर विशेष व्यापार संबंधी जानकारी ब्रोकर व बिचैलियों और कुछ विदेश में बैठे व्यक्तियों के साथ साझा कर रहे थे। इन व्यक्तियों ने इस तरह की सूचनाओं का इस्तेमाल अपने खुद के खाते या अपने ग्राहकों के खाते में इस तरह के शेयरों में व्यापार करके शेयर बाजार में अनुचित लाभ के लिए किया।
इसमें फंड मैनेजर के परिवार के सदस्यों सहित अन्य व्यक्तियों ने अपने बयानों में स्वीकार किया है कि इस तरह से उत्पन्न बेहिसाब नकदी मुख्य रूप से कोलकाता स्थित शेल कंपनियों के माध्यम से उनके बैंक खातों में भेजी गई थी। इन बैंक खातों से रकम भारत में निगमित कंपनियों व संस्थाओं और अन्य कर क्षेत्राधिकारों के बैंक खातों में ट्रांसफर की गयी।
आयकर विभाग द्वारा जब्त किए गए सबूतों से पूर्व फंड मैनेजर, बिचैलियों, शेयर ब्रोकर और एंट्री ऑपरेटरों के बीच सांठगांठ का पर्दाफाश हुआ है। छापेमारी में नकद ऋण, सावधि जमा, अचल संपत्तियों आदि में बड़े पैमाने पर बेहिसाब निवेश के सबूत अधिकारियों के हाथ लगे हैं। जबकि 20 से अधिक लॉकरों को सीज कर दिया गया है। अब तक 55 करोड़ रुपये की बेहिसाब जमा राशि जब्त की गई है। आयकर विभाग मामले की आगे की जांच कर रही है।