इस मामले की जांच कर रही शिवाजी पार्क पुलिस के ने बताया कि ये चारों लड़के बाल गृह के कॉमन हॉल में इकट्ठा हुए और कथित तौर पर 16 साल के लड़के को लगातार लात और घूंसे मारे। इस हमले में पीड़ित बेहोश हो गया और बेहोशी की हालत में वह बाल गृह के वार्डन को मिला। उसे फौरन सायन हॉस्पिटल ले जाया गया जहां उन्हें ‘मृत लाया गया’ घोषित कर दिया गया।
बता दें कि हॉस्पिटल से मौत की खबर मिलने के बाद पुलिस ने शुरू में एक आकस्मिक मौत की रिपोर्ट दर्ज की। इसके बाद बुधवार को पुलिस को जब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिली तो उन्हें उसकी चोटों का पता चला। डॉक्टरों की राय में लड़के की मौत गंभीर आंतरिक चोटों और आघात से हुई थी। इस रिपोर्ट के बाद पुलिस और बाल गृह के अधिकारियों ने अन्य लोगों से पूछताछ की। पूछताछ से पता चला कि घटना के समय हॉल में करीब 12-15 बच्चे थे।
मृतक लड़के को बचाने की कोशिश करने वालों में से एक ने पुलिस को बताया कि किन चार लड़कों ने मृतक लड़के को बहुत पीटा था। शुरूआती जांच में उनकी भूमिका का पता लगाने के बाद पुलिस ने उन चारों पर हत्या का केस दर्ज कर लिया है। इसके बाद इन चारों को गुरुवार को डोंगरी रिमांड होम भेज दिया गया जहां कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों को रखा गया है।
इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उनमें से दो का आपराधिक इतिहास रहा है और उनके सुधार की अवधि पूरी करने के बाद उन्हें माटुंगा सुविधा में भेज दिया गया था। माटुंगा स्टेशन के सामने डेविड ससून इंडस्ट्रियल स्कूल और चिल्ड्रन होम में केवल अनाथ या परित्यक्त बच्चे या देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चे हैं। इसी महीने में मृतक किशोरी को माटुंगा के बाल गृह में भर्ती कराया गया था।