अधिकारी ने बताया कि सीजीएसटी भिवंडी आयुक्त की एंटी थेफ्ट ब्रांच अलग-अलग फेक फर्मो की जांच कर रही थी, जिनमें मेसर्स मेकटेक स्टील ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स यूजीएसके ट्रेडर, मेसर्स वर्ल्ड एंटरप्राइजेज, मेसर्स रोलेक्स एंटरप्राइजेज और मेसर्स एचएचटी एंटरप्राइजेज और मेसर्स यश एंटरप्राइजेज शामलि है। जांच के दौरान इन कंपनियों और मुख्य आरोपित हसमुख पटेल के बीच संबंध पाए गए।
बता दें कि खुफिया जानकारी के आधार पर सीजीएसटी भिवंडी आयुक्त की एंटी थेफ्ट ब्रांच ने धोखाधड़ी के 8 मामलों में आरोपित के घर पर छापामारी की। जांच के दौरान पता चला कि आरोपित हसमुख पटेल ने कथित तौर पर फेक फर्मों का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया है, जिसके जरिए उसने 132 करोड़ रुपये के फेक चालान बनाए और किसी सामान और सेवाओं की आपूर्ति किए बिना ही 23.16 करोड़ रुपये के नकली आईटीसी का फायदा लिया।
आरोपी हसमुख पटेल ने अपने अपराधों को कबूल कर लिया है। हसमुख पटेल ने कहा कि उसने अब तक 36 फेक जीएसटी फर्में बनाई हैं और फेक इनपुट टैक्स क्रेडिट को पास करने के लिए अलग-अलग जीएसटी आयुक्तालय में अपना नेटवर्क स्थापित किया है। जांच के दौरान मिले एविडेंस के आधार पर मास्टरमाइंड आरोपित को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 के उल्लंघन के लिए सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 के तहत इसी महीने की 9 तारीख को गिरफ्तार किया गया। आरोपित को 23 सितंबर तक न्यायायिक हिरासत में भेजा दिया गया है।