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मुंबई

Navratri 2022: नवरात्री के दौरान महाराष्ट्र के इन मंदिरोंं में लगा रहता है भक्‍तों का तांता, पूरी होती है मनोकामना

महाराष्ट्र में भी देवी की पूजा बड़े धूमधाम से होती है। नवरात्रि के दौरान इन मंदिरों में देवी माँ के दर्शन के लिए भक्‍तों का मेला लगा रहता है। हम आपको कुछ ऐसे ही मंदिरों के बारे में बता रहे हैं जिनका शायद आपने कभी नाम भी नहीं सुना होगा।

मुंबईSep 22, 2022 / 04:46 pm

Siddharth

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Mumba Devi Temple

देश में देवी शक्ति की पूजा अलग-अलग रूपों में की जाती है। नार्थ भारत में स्थित मां वैष्‍णों देवी को लेकर लोगों में काफी आस्‍था है, तो वहीं वेस्ट बंगाल में मां काली की पूजा की बड़े धूमधाम से की जाती है। इसी प्रकार महाराष्ट्र में भी देवी के कई रूप पूजे जाते हैं, जैसे यामाई देवी, महालक्ष्मी मां, भवानी मां इत्यादि। महाराष्ट्र में देवी माँ के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, नवरात्रि उत्सव के दौरान, इन मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं।
मुंबा देवी मंदिर: मुंबई में स्थित मंदिर देवी मुंबा को समर्पित है। इस देवी के नाम पर ही मुंबई का नाम रखा गया है। ऐसी मान्‍यता है कि मुंबा देवी माता समुद्र से मुंबई की रक्षा करती हैं। मुंबा देवी को समुद्र सुता के रूप में पूजा जाता है। यहां से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं जाता है। मुंबा देवी का गौरवशाल इतिहास 400 साल पुराना है। मुंबा देवी की पूजा मुंबई के मूल निवासियों द्वारा की जाती है जो कि कृषि और कोली समुदाय से है।
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एकवीरा देवी मंदिर: इस मंदिर में रेणुका माता (भगवान परहुराम की माता) की अवतार हैं और कई मंदिरों में उन्हें रेणुका माता के रूप में भी पूजा जाता है। यह मंदिर लोनावाला के पास कार्ला गुफाओं के पास स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर का निर्माण पांडवों ने एक रात में किया था। एकवीरा देवी उनकी भक्ति की परीक्षा लेना चाहती थीं। इसलिए एकवीरा देवी ने यह शर्त रखी कि मंदिर एक रात में ही बनना है। पांडवों ने एक ही रात में इस खूबसूरत मंदिर को बनाया था। तब एकवीरा देवी ने पांडवों को आशीर्वाद दिया कि गुप्त वनवास के एक साल के दौरान किसी को इस बारे में कुछ भी नहीं पता चलेगा।
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भद्राकाली शक्तिपीठ: बता दें कि भारतीय उपमहाद्वीप में 51 शक्ति पीठ मंदिर हैं। इसमें से चार शक्ति पीठ मंदिर महाराष्ट्र में हैं। ये शक्ति पीठ मंदिर महाराष्ट्र में बहुत मसहूर हैं। नवरात्रि के अवसर पर 9 दिन तक लाखों की संख्या में भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं। नासिक के गोदावरी नदी घाटी में स्थित इस स्‍थान पर माता की ठोड़ी गिरी थी। इसे भद्राकाली शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है।
सप्तश्रृंगी मंदिर: ये मंदिर नासिक से करीब 60 किमी की दूरी पर है। मंदिर हरी भरी पहाड़ियों से पूरी तरह घिरा हुआ है। इसे आधा शक्तिपीठ माना जाता है। मंदिर की चोटी तक पहुंचने के लिए भक्तों को करीब 250-400 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है।
यमई देवी मंदिर: महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित यमाई देवी कई महाराष्ट्रीयन परिवारों की कुल-देवी हैं। इस मंदिर से 5 किमी की दूरी पर अंबाबाई मंदिर है। कोल्हापुर में भगवान ज्योतिबा मंदिर के करीब यामाई देवी का एक और मंदिर स्थित है।
महालक्ष्मी मंदिर: बता दें कि महाराष्ट्र के कोल्‍हापुर में स्थित महालक्ष्मी मंदिर बहुत पुराना और वास्तुशिल्प रूप से समृद्ध मंदिर है। मंदिर में महालक्ष्मी, महाकाली और सरस्वती की मूर्तियां हैं। वह कई महाराष्ट्रीयन परिवारों की कुल-देवी हैं। इस मंदिर में भक्त जो भी मन्नत मांगता है, मां उसे खाली हाथ नहीं भेजती है।
अंबा देवी मंदिर: अंबा देवी मंदिर एक प्राचीन मंदिर है जो महाराष्ट्र के नागपुर से करीब 150 किमी दूर अमरावती शहर के केंद्र में स्थित है। किंवदंती के मुताबिक, भगवान कृष्ण ने अम्बा देवी मंदिर में प्रार्थना करने के लिए रुक्मिणी का अपहरण करने के बाद उससे विवाह किया था। यह मंदिर महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में प्रसिद्ध है।

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