रिजर्व बैंक की कार्रवाई के बाद पूर्व एमडी थॉमस ही नहीं बल्कि पूरे मैनेजमेंट को हटा दिया गया। थॉमस ने पत्र में स्वीकार किया है कि बैंक का कुल एनपीए 60 से 70 प्रतिशत के बीच है। उन्होंने कुबूल किया है कि एचडीआईएल को उसकी पूंजी से अधिक कर्ज दिया गया है। रिजर्व बैंक अभी भी बैंक की बैलेंसशीट खंगाल रहा है।
थॉमस ने बताया है कि एचडीआईएल समूह को 19 सितंबर तक 6,500 करोड़ से ज्यादा कर्ज दिया गया था। बैंक ने कुल मिला कर 8,880 करोड़ रुपए कर्ज दिया है। इस तरह से देखें तो बैंक के कुल कर्ज का 73 प्रतिशत हिस्सा अकेले एचडीआईएल के नाम था। एचडीआईएल को बांटे गए कर्ज का बड़ा हिस्सा एनपीए घोषित किया गया है यानी बैंक का पैसा डूब चुका है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में 97 हजार को-ऑपरेटिव बैंक हैं। इनमें पीएमसी भी एक है। सहकारी बैंकों में 130 करोड़ अरब डॉलर की पूंजी जमा है। केंद्रीय बैंक सिर्फ 54 बड़े सहकारी बैंकों की ही निगरानी करता है।