पालघर हत्या : वन विभाग के अधिकारियो के सूचना के बावजूद पुलिस ने बरती लापरवाही
वन विभाग ( Forest department ) के कार्यालय में साधु थे सुरक्षित , पुलिस ( Police )के सामने संतों की पिटाईहाईकोर्ट ( High court ) की निगरानी में एसआईटी ( SIT )जांच की मांग
पालघर हत्या : वन विभाग के अधिकारियो के सूचना के बावजूद पुलिस ने बरती लापरवाही
नागमणि पांडेय मुंबई. पालघर में दो संतों सहित तीन लोगों की हत्या के मामले में चौंकानेवाला खुलासा हुआ है। वन विभाग के अधिकारियों ने पुलिस को बताया था कि दोनों साधुओं और उनके ड्राइवर की पिटाई भीड़ ने की है। इसके बाद वन विभाग के कार्यालय में दोनों संत और ड्राइवर सुरक्षित थे। पुलिस की लापरवाही के चलते भीड़ बेकाबू हो गई। इसके बाद ही लोगों ने संतों और पुलिस पर हमला किया।
मुंबई के कांदिवली के रहने वाले चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरि (70), सुशीलगिरि महाराज (35) और वाहन चालक निलेश तेलगाडे (30) गुरुवार रात को पालघर के गडचिंचले गांव के पास पिट पीटकर हत्या कर दी गई थी | इस हत्या मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है | वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक गुुरुवार रात संतों की गाड़ी ग्रामीणों ने रोकी। इसके बाद उनकी पिटाई की गई। इस दौरान वन विभाग के दो अधिकारी पेट्रोलिंग कर रहे थे। भीड़ से बचा कर वन विभाग के अधिकारी संतों और ड्राइवर को कार्यालय लाए। बमुश्किल पांच मिनट की दूरी पर पर स्थित कासा पुलिस स्टेशन को इसकी सूचना दी गई। लेकिन सहायक पुलिस निरीक्षक आनंदराव काले और पुलिस उप-निरीक्षक सुधीर काटारे अपनी टीम के साथ दो घंटे बाद वहां पहुंचे। पुलिस के पहुंचते ही भीड़ संतों पर टूट पड़ी। बिना हथियार आई पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
एसआईटी करे जांच भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने पालघर के एसपी गौरव सिंह को नाकाम बताया। उन्होंने कहा कि जब पुलिस को सूचना मिली थी कि भीड़ ने घेर रखा है, तब पुलिस वहां बिना तैयारी के क्यों गई। शुक्ला ने कहा कि एसपी को निलंबित करना चाहिए। पूर्व मंत्री आशीष शेलार ने घटना के लिए स्थानीय पुलिस को जिम्मेदार बताया। आम आदमी पार्टी की अंजलि दमानिया ने आरोप लगाया कि राकांपा के नियंत्रण वाले गृह मंत्रालय में गुंडाराज है।
महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ करेंगे आंदोलन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की और चेतावनी दी कि अगर हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी नहीं की गई तो महाराष्ट्र सरकार के विरुद्ध आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पालघर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से फोन पर बात कर अखाड़ा परिषद ने अपना विरोध जता दिया है और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। अगर जिम्मेदार लोगों पर एक्शन नहीं होता है तो लॉकडाउन के बाद साधुओं की फौज महाराष्ट्र कूच करेगी। विलेपार्ले सन्यास आश्रम के स्वामी विश्वरानंद गिरी ने कहा कि महाराष्ट्र के पालघर जिले में विशेष समुदाय द्वारा जूना अखाड़े के साधुओं की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घोर निंदा करता हु । महाराष्ट्र सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हैं कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो।
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