सामान्य कोच में नहीं हो सकता इंतजाम
अधिकारी ने बताया कि लोकल ट्रेन के सामान्य कोच में वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से कोई इंतजाम नहीं हो सकता। क्योंकि सामान्य कोचों में यात्रियों की भीड़ रहती है। इसलिए चार में से एक लगेज कोच को हम वरिष्ठ नागरिकों के लिए आरक्षित कर सकते हैं। इससे किसी को भी कोई दिक्कत नहीं होगी।
लोकल ट्रेन में सीटों की स्थिति
फिलहाल सेंट्रल की लोकल में दिव्यांगों के लिए दो कोच आरक्षित हैं, जहां प्रत्येक में 19 सीटें हैं। अधिकारी ने बताया कि हम लगेज कोच वरिष्ठ नागरिकों के लिए आरक्षित बाबत वर्कशॉप से बातचीत कर रहे हैं। पहले हम यह प्रयोग एक डिब्बे में करेंगे। सफलता मिली तो बाकी लोकल में भी यही व्यवस्था की जाएगी। सेंट्रल रेलवे की 12 डिब्बों की लोकल में 88 सीटों वाले प्रथम श्रेणी के 4 डिब्बे, 39 सीटों वाले महिलाओं के 3 और दिव्यांगों के लिए दो डिब्बों में 38 सीटें आरक्षित हैं। महिलाओं के लिए आरक्षित तीन डिब्बों में 221 सीटे हैं। बचे हुए आठ सामान्य डिब्बों में 628 सीटें होती हैं।
डेढ़ से दो लाख यात्री
सेंट्रल रेलवे में लगभग 80 हजार वरिष्ठ नागरिक मासिक पास धारक हैं। वेस्टर्न रेलवे को मिला कर महानगर में डेढ़ से दो लाख वरिष्ठ नागरिक हर दिन लोकल ट्रेन से सफर करते हैं।
कोर्ट ने दिया है आदेश
पांच साल पहले 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सेंट्रल और वेस्टर्न रेलवे की लोकल में सीनियर सिटीजन के लिए की गई 14 सीटों की व्यवस्था बेमतलब है। कोर्ट ने आदेश दिया था कि रेलवे इनके लिए कोई ऐसी व्यवस्था करे ताकि आसानी से डिब्बे में चढ़ सकें। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि रेलवे यह कार्य करने के बाद कोर्ट में हलफनामा जमा करे। लेकिन, अब तक यह इंतजाम नहीं किया गया है।