मुंबई

Shinde vs Thackeray: चुनाव चिन्ह किसी विधायक की संपत्ति नहीं… शिंदे खेमे के वकील ने दी दलील, लंच के बाद फिर शुरू होगी सुनवाई

Supreme Court Hear Plea On Real Shiv Sena: शिवसेना के शिंदे खेमे का पक्ष रखते हुए कौल ने कहा “हम पार्टी के भीतर एक बड़ी संख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। हमने कभी नहीं कहा कि हम पार्टी की सदस्यता छोड़ देते हैं।

मुंबईSep 27, 2022 / 02:16 pm

Dinesh Dubey

महाराष्ट्र के सत्ता संघर्ष को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई

Shiv Sena vs Eknath Shinde: महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष (शिवसेना बनाम एकनाथ शिंदे) की सुनवाई मंगलवार सुबह सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ के समक्ष शुरू हुई। सुनवाई की शुरुआत में शिवसेना की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने जोरदार बहस की. उसके बाद शिंदे गुट की ओर से वरिष्ठ वकील नीरज किशन कौल ने कई दलीले पेश की.
शिवसेना के शिंदे खेमे का पक्ष रखते हुए कौल ने कहा “हम पार्टी के भीतर एक बड़ी संख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। हमने कभी नहीं कहा कि हम पार्टी की सदस्यता छोड़ देते हैं। यह स्पीकर द्वारा तय किया जाना है या दूसरा गुट (उद्धव ठाकरे) तय करेगा कि क्या यह स्वेच्छा से सदस्यता छोड़ना था।“
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इस दौरान उन्होंने यूपी में बसपा सरकार के मामले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा “तब विधानसभा भंग करने का निर्णय लिया गया। कोर्ट ने तब यह भी कहा था कि स्पीकर राजनीतिक पहलू की जांच नहीं कर सकते है।“
उन्होंने आगे कहा, “चिन्ह का आदेश भी हमारे जैसी स्थिति प्रदान करता है, जहां एक पार्टी के भीतर प्रतिद्वंद्वी अंश होते हैं। चिन्ह (चुनाव) किसी विधायक की संपत्ति नहीं है, यह चुनाव आयोग का फैसला होता है। लेकिन हमे इसका इस्तेमाल करने का कानूनी अधिकार होता है। आप (उद्धव गुट) आज चाहते हैं कि अदालत चुनाव आयोग को दी गई शक्ति का प्रयोग करने का फैसला करे। मैं इससे जुड़े कुछ निर्णय कोर्ट के समक्ष पेश करूँगा।“
https://youtu.be/jBNVa2rtzrA
शिवसेना के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले खेमे ने अपनी याचिका में मांग की है कि चुनाव आयोग को शिंदे समूह के ‘असली’ शिवसेना के रूप में मान्यता देने के दावे पर कोई कार्यवाही नहीं करनी चाहिए। दरअसल शिंदे समूह ने दावा किया है कि उनके पास 40 से अधिक शिवसेना विधायकों का समर्थन है, इसलिए उन्हें ही असली शिवसेना घोषित की जाये। हालांकि अभी सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई लंच के बाद शुरू होगी।
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