पानी की दिक्कत होने के चलते ग्रामीण अपना गुस्सा ग्राम पंचायत प्रशासन पर उतार रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर ग्राम पंचायत ने पानी का तत्काल बंदोबस्त नहीं करवाया तो वे ग्राम पंचायत के खिलाफ हंडी मोर्चा निकालेंगे। गांव में पीने का पानी जुटाने के लिए खासकर महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। महिलाएं इसके लिए गांव के पदाधिकारियों को जिम्मेदार ठहरा रही हैं।
बता दें कि ग्रामीणों का आरोप है कि इससे पहले इस चोरपांग्रा गांव के लिए प्रशासन से करीब 23 लाख रुपए खर्च कर पानी की आपूर्ति के लिए योजना लाई गई। इस योजना के तहत पाइपलाइन, कुएं, नल, पानी की टंकी सहित सभी सुविधाओं को शुरू किया जाना था। लेकिन ग्राम पंचायत ने ऐसा नहीं किया। ग्राम पंचायत की लापरवाही के चलते गांव में पानी का अभाव बनावटी रूप से तैयार करवाया गया। ग्राम पंचायत ने ऐसी खराब व्यवस्था करके रखी है कि कुएं में पानी होते हुए भी 15 से 20 दिनों तक ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पा रहा है।
पानी ना मिल पाने से ग्रामीणों को गांव से बाहर जाकर कुएं से पानी भर कर लाना पड़ रहा है। पानी की किल्लत होने की वजह से किसान खेत नहीं जा पा रहे, खेत मजदूर काम पर नहीं जा पा रहे। वहीं, बच्चे भी स्कूल नहीं जा पा रहे है। ये सब बस घर के लिए पीने का पानी जुटाने में लगे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक, सरकारी फंड गांव के लिए आते हैं लेकिन सही नियोजन और नाकाबिल लोगों से भरी ग्राम पंचायत के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है। गांव वालों की मांग है कि राज्य सरकार सीधे इस गांव की पानी की समस्या सुलझाने के लिए कोई बड़ा कदम उठाए और पानी की समस्या से उनके गांव को निजात दिलाए।