scriptMumbai HindI News : समुद्र की लहलहाती हरियाली पर किसकी नजर, कौन बना रहा इसे ठूंठ | Who Captured acres Of Land Near Coastal Areas | Patrika News

Mumbai HindI News : समुद्र की लहलहाती हरियाली पर किसकी नजर, कौन बना रहा इसे ठूंठ

locationमुंबईPublished: Jan 06, 2020 12:02:26 am

Submitted by:

Binod Pandey

खेती गायब, नमक उत्पादन ठप, शहर को बना दिए कंक्रीट का जंगल
मीरा भायंदर में बड़े पैमाने पर मैंग्रोव को लील गए
1990 में हरित शहर, 2020 प्रदूषण वाला शहर

Mumbai HindI News : समुद्र की लहलहाती हरियाली पर किसकी नजर, कौन बना रहा इसे ठूंठ

Mumbai HindI News : समुद्र की लहलहाती हरियाली पर किसकी नजर, कौन बना रहा इसे ठूंठ

राकेश विश्वकर्मा
मीरा भायंदर. मुंबई से सटे मीरा भायंदर शहर को कभी नमक उत्पादन, खेती और मत्स्य व्यवसाय के लिए जाना जाता था। तब का शहर कुदरती हरियाली युक्त था, प्रदूषण मुक्त था। परंतु, अब के दौर में मीरा भायंदर शहर प्रदूषण युक्त शहर बनते जा रहा है। सीमेंट-कंक्रीट का जंगल शहर को तेजी से अपने में समेटते जा रहा है। पर्यावरण का रक्षक माने जाने वाले मेंग्रोव को बड़े भू-भाग से नष्ट करने में कई तत्व सक्रिय हैं।
Mumbai HindI News : समुद्र की लहलहाती हरियाली पर किसकी नजर, कौन बना रहा इसे ठूंठ
ग्रामपंचायत की समाप्ति सन 1990 में हुई और इसके बाद नगरपरिषद अस्तित्व में आई। शहर के 47 नागरिक नगरसेवक बने इसके बाद यह शहर तेजी से विकसित होने लगा। सन 2002 में यह महानगरपालिका में तब्दील हो गया। इस बार 79 नागरिकों को नगरसेवक बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। बताया जाता है कि यहीं से इस शहर के हरे-भरे गांवो ं को नजर लग गई।
यह भी पढ़े:- Maharashtra Political News : बिना चुनाव लड़े ही सदन के सदस्य बन जाएंगे उद्धव !

Mumbai HindI News : समुद्र की लहलहाती हरियाली पर किसकी नजर, कौन बना रहा इसे ठूंठ
कभी यहां थे मंग्रोव के जंगल
शहर के कई हिस्सों में बड़े भू-भाग में मेंग्रोव के जंगल हुआ करता था। इसमें भाईंदर, काशीमीरा, नवघर, घोडबंदर, चेना, वर्सोवा राई, मूर्धा, डोंगरी, उत्तन, मीरा रोड आदि शामिल थे। अब यह सभी सीमेंट-कंक्रीट के जंगल बन चुके हैं। इसका दुष्परिणाम मानसून में देखने को मिलता है, जब मामूली बारिश में भी शहर तालाब बन जाता है।
शहर के दोनों तरफ समुद्री खाड़ी है, जिसके चलते यहां बड़े पैमाने पर मैंग्रोव के जंगल हैं। मैंग्रोव क्षेत्र में मिट्टी भरकर निर्माण कार्य करना कानूनन गलत है, इसके बावजूद पर्यावरण की रक्षा में योगदान देने वाले मैंग्रोव का बड़े पैमाने पर नष्ट किया गया है। यह पूरी प्रक्रिया शहर को अंजान खतरे की ओर धकेल रही है।

भ्रष्टाचार का बड़ा खेल
पर्यावरण प्रेमियों के अनुसार शहर की कुदरती सुंदरता को नष्ट करने में स्थानीय नेताओं की संलित्तता है, जिसमें सरकारी बाबुओं ने जमकर भ्रष्टाचार किया है। उनकी अवैध कमाई की लालसा ने शहर को प्रदूषण से भर दिया है। हालांकि अब पर्यावरण प्रेमी मीरा रोड पश्चिम, घोड़बडऱ और भायंदर पश्चिम के गांवो की शेष बची मैंग्रोव के पौधों को बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं।
Mumbai HindI News : समुद्र की लहलहाती हरियाली पर किसकी नजर, कौन बना रहा इसे ठूंठ
उच्च न्यालय ने लगाई है रोक
मैंग्रोव के कटाने या मैंग्रोव क्षेत्र में मिट्टी के भराव करने पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा रखा है। असमाजिक तत्व इस बात की अनदेखी कर मेग्रोव की कटाई कर जमीन पर मिट्टी भराव करते जा रहे हैं। मीरा रोड पश्चिम रेलवे स्टेशन से सटे नमक उत्पादन किया जाता था और बड़े पैमाने पर यहां मैंग्रोव थे, अब यह सारे मैंग्रोव कहां गए किसने काटे इस पर अभी तक रहस्य बना हुआ है।

अवैध निर्माण क्षेत्र में भर दी सरकारी सुविधाएं
सीआरजेड क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण किए गए हैं और इन निर्माणों को पानी, बिजली, गटर, सड़क सब सुविधांए उपलब्ध करा दी गई हैं। पर्यावरण प्रेमियों का आरोप है कि मनपा के नगररचना विभाग की अनदेखी से जमीन हड़पने का यह खेल हुआ है। इससे शहर की सुंदरता पर दाग भी लगा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो