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मुंबई

Maharashtra Political Crisis: शिंदे खेमे में विधायकों की संख्या सरकार बनाने लायक, फिर भी बीजेपी अभी तक खामोश?

शिवसेना के 55 विधायकों में से 40 उनके साथ गुवाहाटी के होटल में मौजूद है. इन सबके बीच एक सवाल खड़ा हो रहा है कि महाराष्ट्र की सत्ता पाने की सदा लालायित रहने वाली बीजेपी क्यों इस मसले पर खुलकर सामने आने से बच रही है। दरअसल ढाई साल पहले हुए अजित पवार प्रकरण में बदनाम हो चुकी बीजेपी इस बार कोई जल्दबाजी करने के मूड में नहीं है, इसलिए वो कोई कदम उठाने से पहले शिवसेना बनाम शिंदे सेना के बीच में जारी लड़ाई पर पैनी नजर बनाये हुए है और सही मौके का तलाश कर रही है।

मुंबईJun 25, 2022 / 08:14 am

Dinesh Dubey

Uddhav Thackeray and Devendra Fadnavis
Maharashtra Political Crisis Update: महाराष्ट्र में शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के साथ शुरू हुआ हाई वोल्टेज सियासी ड्रामा खत्म होता नहीं दिख रहा। कभी शिवसेना के सबसे ज्यादा वफादार रहे एकनाथ शिंदे, आज पार्टी की टूट का कारण बन गए है। उन्होंने ने शुक्रवार को दावा किया कि शिवसेना के 55 विधायकों में से 40 उनके साथ गुवाहाटी के होटल में मौजूद है। इन सबके बीच एक सवाल खड़ा हो रहा है कि महाराष्ट्र की सत्ता पाने की सदा लालायित रहने वाली बीजेपी क्यों इस मसले पर खुलकर सामने आने से बच रही है।
ताजा हालात पर गौर करें तो शिवसेना बनाम शिंदे सेना की लड़ाई अब शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई में तब्दील होती दिख रही है। शिंदे साफ कह चुके है की वें शिवसेना नहीं छोड़ेंगे और बाला साहेब ठाकरे की विरासत को सही मायने में आगे लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में बहुमत और संख्या मायने रखती है और शिवसेना के अधिकांश विधायक उनके ही साथ है। बता दें कि एकनाथ शिंदे कथित तौर पर मैजिक फिगर 37 (शिवसेना विधायक) तक पहुंच चुके है, इस वजह से उनके खेमे पर अब दल बदल कानून लागू नहीं होगा।
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उधर, महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में शिवसेना की सहयोगी एनसीपी और कांग्रेस सभी एक ही सुर में इस राजनीतिक बवाल के लिए सीधे तौर पर राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रहे है लेकिन जिस बीजेपी पर यह आरोप लगाया जा रहा है वह अब भी इसे शिवसेना का आंतरिक मसला बताकर इस लड़ाई के अंतिम नतीजे का इंतजार कर रही है।
दरअसल, शिवसेना में मचे इस घमासान को लेकर बीजेपी का अब तक यही स्टैंड रहा है कि सत्ता के लिए हिंदुत्व को छोड़ने वाली शिवसेना में देर-सबेर यह तो होना ही था। बीजेपी अब भी महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार को अस्वाभाविक गठबंधन करार देते हुए यही कह रही है कि महाराष्ट्र की जनता ने बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को जनादेश दिया था लेकिन उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री बनने के मोह में उन्हें धोखा देकर कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिला लिया।
लेकिन ढाई साल पहले हुए अजित पवार प्रकरण में बदनाम हो चुकी बीजेपी इस बार कोई जल्दबाजी करने के मूड में नहीं है, इसलिए वो कोई कदम उठाने से पहले शिवसेना बनाम शिंदे सेना के बीच में जारी लड़ाई पर पैनी नजर बनाये हुए है और सही मौके का तलाश कर रही है।
बीजेपी के पास पहले से 106 विधायक व छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन है जो लगभग 114 की ताकत प्रदान कर रहा है। इस वजह से शिंदे खेमे के साथ मिलने के बाद बीजेपी 144 के आकंडे तक आसानी से पहुंच जाएगी और महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा कर सकती हैं।
पॉलिटिकल पंडितों की मानें तो बीजेपी उद्धव ठाकरे के शिंदे खेमे को लेकर आखिरी फैसले का भी इंतजार कर रही है, बीजेपी को उम्मीद है कि सरकार और पार्टी दोनों हाथ से जाता देख स्थिती से निपटने के लिए उद्धव ठाकरे गठबंधन के पुराने साथी यानी बीजेपी की तरफ बढ़ सकते हैं। और यहीं डिमांड शिवसेना के बागियों ने भी शिवसेना प्रमुख से की है।

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