क्या है आपका उद्देश्य
आपको इंवेस्टर्स स्कीम के ऑफर दस्तावेजों को धयान से पढ़ें। इन दस्तावेजों में फं ड कहां और कैसे निवेश होगा, किस एसेट क्लास में होगा और किस सेगमेंट में होगा, जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां होती हैं। इसलिए ये जरूरी हैं कि आप निवेश करने के अपने उद्देश्य को सबसे पहले समझे। इससे आप अपने फंड और जोखिम को जान सकते हैं।
जानकारियों को क्रॉस चेक करें
एक निवेशक के तौर पर आपको अपने युचुअल फंड अकाउंट स्टेटमेंट में बैंक डिटेल्स को जरूर चेक करें। आप हमेशा बैंक का नाम, अकाउंट नंबर और अपने तरफ से दर्ज की जाने वाला सभी जानकारियां सही दें। आपके द्वारा दिया गया गलत जानकारी आपको नुकसान पहुंचा सकता हैं। आपके अकाउंट मे एक डिजिट भी गलत होने से आपके खाते में राशि जमा नहीं होता हैं। इसलिए आप इस बात पर ध्यान दें कि स ाी जानकारी और डिटेल्स सही भरें।
सही फं ड का करें चुनाव
अधिकतर निवेशक अपनी जरूरत को समझे बिना ही और न कोई प्रॉपर रिसर्च के किसी भी फं ड का चुनाव कर लेते हैं। निवेशक का निवेश से पहले अपने निवेश के उद्देश्य, रिटर्न की उ मीद और जोखिम उठाने की क्षमता के बारे में भी पता होना चाहिए। इसके बाद ही आपको अपने निवेश की अवधि तय करनी चाहिए। इसके साथ ही ये सुनिश्चित करना भी सही होता है कि निवेश लंप-संप मे या फिर नियमित समय पर करना हैं। फंड का चयन करते समय भी आपको इस बात का ध्यान जरूर देना चाहिए की आपके द्वारा चुना गया फं ड सारी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हैं कि नहीं। इसके बाद सेलेक्ट किए गए फंड का बीते वर्षों मे प्रदर्शन, एक्सप्रेस रेश्यो, मौजूदा पोर्टफोलियो और अन्य चीजों का विश्लेषण जरूर करें।
खुद भी कर सकते हैं फंड की खरीद बिक्रि
निवेशक डायरेक्ट इंवेस्टमेंट के जरिए अपने पोर्टफोलियो पर ाुद नजर रख सकते हैं। अगर आपने रिसर्च करने अपने लिए कुछ फंड्स सेलेक्ट किए हैं तो आप खुद खरीद या बिक्रि के ऑप्शनपर जाकर निवेश की शुरूआत कर सकते हैं। यदि आप चाहें तो फंड कंपनियों की ओर से दी जाने वाले सलाह की भी मदद ले सकतें हैं। आप अपने सुविधानुसार अलग-अलग फंड की तुलना भी करकर इसी के आधार पर अपने लिए सही फंड चुन सकते हैं। आपको ये भी बता दें कि आप खरीदे गए फंड को बेेच भी सकते हैं। जैसे ही आप फंड रिडीम करेंगे तो आपके संबंधित खाते में पैसे ट्रांसफर हो जाते हैं।
रिटर्न तुलन सही नहीं
लोग एसआईपी और लंपसंप निवेश पर मिलने वाले रिटर्न की अक्सर तुलना करते हैं। लंबी अवधि मेे दोनेा तरह के मिलने वाले रिटर्न पर ज्यादा अंतर नहीं होता, इसीलिए रिटर्न की तुलना नहीं करनी चाहिए। डाइवर्सीफाइड फंड्स में 10 और 15 वर्ष की समयावधि में एसआईपी और लंपसंप निवेश मे महज 2 फीसदी का ही अंतर था। हालांकि एक से पांच साल की समयावधि में रिटर्न का अंतर बहुत ज्यादा था।