गौरतलब है कि प्रदेश की सभी जेलों में इस समय क्षमता से दोगुने बंदी और कैदी हैं। मुज़फ्फरनगर कारागार में भी क्षमता 750 की है जबकि वर्तमान समय में करीब 2500 बंदी हैं। जिससे बंदियों में कोरोना फैलने का खतरा बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने देश के साथ ही प्रदेश के सभी जेलों से सात साल से कम सजा वाले बंदियों और आदर्श बंदियों को 8 सप्ताह की जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद डीजी जेल ने सभी जेलों से ऐसे बंदियों और कैदियों की सूची मांगी थी। मुजफ्फरनगर जेल प्रशासन द्वारा जेल में बंद ऐसे बंदियों की सूची तैयार कराई गई है, जो साथ साल से कम अपराध की सजा के विचाराधीन बंदी है।
जिला कारागार अधीक्षक अरुण सक्सेना ने बताया कि माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के क्रम में यह विचाराधीन बंदी कोर्ट के आदेश पर इन्हें अंतिम जमानत पर 8 सप्ताह के लिए ये रिहा हुए हैं। हमारे मुजफ्फरनगर के अभी तक 46 बंदी रिहा हो चुके हैं। इसके साथ ही शामली के 55 बंदियों के रिया होने के आदेश दिए गए हैं। उनकी रिहाई की कार्यवाही अभी चल रही है यह सभी बंदी 8 सप्ताह बाद फिर जेल में आ जाएंगे।