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मुजफ्फरनगर

BKU ने किसानों की मांगों को लेकर शुरू किया अनिश्चितकालीन ‘घेरा डालो-डेरा डालो’ प्रदर्शन

Highlights- हजारों किसानों ने की जिलाधिकारी कार्यालय की घेराबंदी – चौधरी राकेश टिकैत ने पुलिस और प्रशासन पर लगाया भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप- बोले- किसानों के ऊपर किया जा रहा है अन्याय

मुजफ्फरनगरFeb 17, 2020 / 04:43 pm

lokesh verma

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मुजफ्फरनगर. किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने एक बार फिर जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। साेमवार सुबह से ही भाकियू कार्यकर्ताओं का कलेक्ट्रेट में जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। जबकि इसके लिए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे, जिसमें मुजफ्फरनगर के अलावा सहारनपुर व शामली से भी भारी पुलिस बल बुलाया गया था। इसके बावजूद कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी कार्यालय पर भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत व राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत समेत तमाम पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के साथ साथ हजारों किसान पहुंच गए। ‘घेरा डालो-डेरा डालो’ अनिश्चितकालीन प्रर्दशन के दौरान चौधरी राकेश टिकैत ने पुलिस और प्रशासन पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि थानों से लेकर कचहरी और तहसील भ्रष्टाचार के अड्डे बन चुके हैं।
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भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि गन्ने का भुगतान नहीं हो रहा है। जबकि शुगर मिल द्वारा जिलाधिकारी को लिखकर दिया गया है कि गन्ने का भुगतान किया जाएगा। मुजफ्फरनगर की बुढ़ाना शुगर मिल ने कहा था कि जनवरी में 45 करोड़ रुपए देंगे और फरवरी में भी 45 करोड़ रुपए देंगे, लेकिन उसने इस साल 1 रुपया भी किसानों का भुगतान नहीं किया है। ऐसी ही मोरना शुगर फैक्ट्री है, जो 20 दिन तक बंद रही। उस फैक्ट्री में की घपला किया गया है। उसकी मशीनरी में अच्छा सामान नहीं लगाया गया है, उस फैक्ट्री की जांच के बाद विस्तारीकरण होना चाहिए। इसके साथ ही उस फैक्ट्री का गन्ना भी दूसरी शुगर मिल को डाइवर्ट होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि किसानों के ऊपर अन्याय किया जा रहा है। पहले 15 कुंतल की पर्ची होती थी, लेकिन अब 9 कुंतल की पर्ची कर दी है। इस वजह से किसानों का गन्ना कहां जाएगा। देश का किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच रहा है। वहीं उन्होंने बिजली के दाम बढ़ाने पर कहा कि इसको लेकर किसानों में बेहद गुस्सा है। बिजली विभाग द्वारा बिल के अलावा भी अन्य 20 तरह के पैरामीटर लगाए हुए हैं। जिसका 2 हजार रुपये का बिल आना चाहिए, उसका 20 हजार का बिल आता है। इसके साथ ही चकबंदी विभाग की समस्या है, लेकिन जिला प्रशासन सुनने को तैयार नहीं है। पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से बेलगाम है। रिश्वतखोरी बढ़ रही है।
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