भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि गन्ने का भुगतान नहीं हो रहा है। जबकि शुगर मिल द्वारा जिलाधिकारी को लिखकर दिया गया है कि गन्ने का भुगतान किया जाएगा। मुजफ्फरनगर की बुढ़ाना शुगर मिल ने कहा था कि जनवरी में 45 करोड़ रुपए देंगे और फरवरी में भी 45 करोड़ रुपए देंगे, लेकिन उसने इस साल 1 रुपया भी किसानों का भुगतान नहीं किया है। ऐसी ही मोरना शुगर फैक्ट्री है, जो 20 दिन तक बंद रही। उस फैक्ट्री में की घपला किया गया है। उसकी मशीनरी में अच्छा सामान नहीं लगाया गया है, उस फैक्ट्री की जांच के बाद विस्तारीकरण होना चाहिए। इसके साथ ही उस फैक्ट्री का गन्ना भी दूसरी शुगर मिल को डाइवर्ट होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि किसानों के ऊपर अन्याय किया जा रहा है। पहले 15 कुंतल की पर्ची होती थी, लेकिन अब 9 कुंतल की पर्ची कर दी है। इस वजह से किसानों का गन्ना कहां जाएगा। देश का किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच रहा है। वहीं उन्होंने बिजली के दाम बढ़ाने पर कहा कि इसको लेकर किसानों में बेहद गुस्सा है। बिजली विभाग द्वारा बिल के अलावा भी अन्य 20 तरह के पैरामीटर लगाए हुए हैं। जिसका 2 हजार रुपये का बिल आना चाहिए, उसका 20 हजार का बिल आता है। इसके साथ ही चकबंदी विभाग की समस्या है, लेकिन जिला प्रशासन सुनने को तैयार नहीं है। पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से बेलगाम है। रिश्वतखोरी बढ़ रही है।