मुजफ्फरनगर

Kisan Mahapanchayat : अल्लाहु-अकबर, हर-हर महादेव के नारे से आगाज, वाहे गुरु जी का खालसा…वाहे गुरु जी की फतेह के नारे के साथ पंचायत खत्म

Kisan Mahapanchayat- किसानों का एलान- चुनावों में बीजेपी का करेंगे विरोध, 27 सितंबर को भारत बंद, कहा देनी होगी वोट की चोट

मुजफ्फरनगरSep 05, 2021 / 04:55 pm

Hariom Dwivedi

मुजफ्फरनगर. Kisan Mahapanchayat- केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रविवार को यहां के राजकीय इंटर कालेज मैदान में संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में महापंचायत की। इस पंचायत में हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड समेत 15 राज्यों से लाखों किसान पहुंचे। महापंचायत के मंच से किसानों ने अल्लाहु-अकबर और हर-हर महादेव के नारे लगाए। कहा गया ये नारे लगते रहे हैं, आगे भी लगते रहेंगे। 27 सितंबर को भारत बंद की घोषणा की गई। इसी के साथ यूपी के 18 मंडलों में भाजपा के खिलाफ महापंचायत की घोषणा की गयी। किसानों ने एलान किया कि आगामी चुनावों में वह भाजपा का विरोध करेंगे। पंचायत के अंत में वाहे गुरु जी का खालसा…वाहे गुरु जी की फतेह के नारे लगाए गए। इसी के साथ किसानों की महापंचायत खत्म हो गयी।
महापंचायत के मंच पर राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी भी मौजूद थे। उन्होंने ट्वीट किया कि वे किसानों पर पुष्पवर्षा करना चाहते थे लेकिन जिला प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, किसान सरकार से बातचीत को तैयार है। लेकिन सरकार बात को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि अब मिशन सिर्फ यूपी नहीं बल्कि देश को बचाना है। उन्होंने संकल्प दोहराया जब तक किसानों की बातें नहीं सुनी जाएंगी तब तक वह मुजफ्फरनगर में अपना पैर नहीं रखेंगे। टिकैत ने हर हर महादेव और अल्लाह हो अकबर के नारे मंच से लगाए। वाहे गुरु जी का खालसा…वाहे गुरु जी की फतेह के नारे के साथ संबोधन समाप्त किया।
बंगाल वाला फार्मूला दोहराने जा रहे…
महापंचायत को संबोधित करते बलबीर सिंह राजेवाल ने अमरीका के गोरे किसानों ने हमारे आंदोलन को समर्थन किया है। आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा के पार्लियामेंट में किसानों का मुद्दा उठ चुका है। किसान अब बंगाल वाला फार्मूला दोहराने जा रहे है। वोट पर चोट का माहौल तैयार हो गया है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक के अनुसार, यूपी, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे 15 राज्यों में फैले 300 किसान संगठनों ने पंचायत में हिस्सा लिया। संगठनों के झंडे और अलग-अलग रंग की टोपी पहने किसान बसों, कारों और ट्रैक्टरों के जरिए पहुंचे।
किसानों का उत्पीड़न: योगेंद्र यादव
संयुक्त किसान मोर्चा के योगेंद्र यादव ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, सरकारे अपनी मनमानी कर रही है। किसानों का उत्पीडऩ हो रहा। कर्नाटक की किसान नेता अनुसुइया माजी ने कन्नड़ में, तमिलनाडु के नेता ने तमिल व अंग्रेजी में संबोधन किया। केरल के किसान नेता केवी बीजू ने कृषि कानून वापसी की मांग की। किसान महापंचायत में महिला किसान भी एकत्र थीं।
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ऐसी थी किसानों की व्यवस्था
किसानों के लिए 500 लंगर
आपात स्थिति के लिए 1000 चिकित्सा यूनिट
सुरक्षा के लिए 5000 वालंटियर
पंडाल के साथ वाटर प्रूफ मंच- दो लाख वर्ग फुट में
किसानों के ठहरने और भोजन के लिए 500 रसोई
देशभर के 300 किसान संगठन जुटे
सुरक्षा के इंतजाम
-छह में अतिरिक्त आइपीएस अफसर तैनात
-20 कंपनी पीएसी तैनात
-मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, शामली, बिजनौर और गाजियाबाद मे विशेष सर्तकता
-शनिवार रात और रविवार को शराब की दुकानें बंद
-दुकानदारों ने खुद ही प्रतिष्ठान बंद रखा
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