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– भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने पीएम मोदी को बताया जिद्दी राजा- कहा- 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड में नहीं होगा किसी भी दल का झंडा- सभी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर लगेंगे तिरंगे
मुजफ्फरनगर. कृषि बिल के विरोध में किसान आंदोलन को 54 दिन हो चुके हैं। सरकार की ओर से कोई भी सकारात्मक ठोस कदम नहीं उठाए जाने के विरोध में भारतीय किसान यूनियन की राजधानी सिसौली में मासिक पंचायत का आयोजन किया गया। इस दौरान भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि 19 जनवरी को चाहे जो फैसला हो, किसान 25 जनवरी को दिल्ली कूच करेंगे। इस दौरान उन्हाेंने देशभर के संगठनों से सहयोग का आह्वान किया। साथ ही कहा कि किसान संगठनों से अपील की कि 26 जनवरी की परेड में किसी किसान संगठन का झंडा नहीं होगा, बल्कि सभी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर तिरंगा झंडा लगाया जाएगा।
यह भी पढ़ें- किसान संगठनों का ऐलान: फैसला जो भी हो, 26 जनवरी को होगी ट्रैक्टर परेड सिसौली स्थित किसान भवन में आयोजित पंचायत में 25 जनवरी को सभी ट्रैक्टर-ट्रालियों पर दो-दो तिरंगे झंडे लगाकर दिल्ली कूच करने का फैसला लिया गया। इस दौरान भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने सभी दलों और संगठनों से आपसी मतभेद भुलाकर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में सहयोग देने का आह्वान किया। इस दौरान कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन को लेकर विचार-विमर्श भी हुआ।
टिकैत ने कहा कि 19 जनवरी को केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच बैठक होगी। उस बैठक में फैसला चाहे जो भी हो, जिले के किसान 25 जनवरी को दिल्ली कूच जरूर करेंगे। क्योंकि अब यह लड़ाई प्रजा और दिल्ली में बैठे जिद्दी राजा की हो चुकी है। इसके साथ ही कहा कि दिल्ली में एक जिद्दी शासक है, जो पिछले 54 दिन से कड़ाके ठंड के बीच धरने पर बैठे किसानों से बात करने तक की जहमत नहीं उठा रहा है। इस आंदोलन में 60 से ज्यादा किसान शहीद हो गए हैं, लेकिन जिद्दी राजा ने अफसोस तक जताना उचित नहीं समझा।
बता दें कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के लिए चौधरी नरेश टिकैत ने गांव गांव में पंचायत कर किसानों को न्योता दिया है। चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि इस वर्ष 26 जनवरी गणतंत्र दिवस परेड इतिहास के पन्नों में लिखी जाएगी। वह कहानी लिखी जाएगी, जिसे हम और आप तो नहीं पढ़ पाएंगे, लेकिन किसानों की आने वाली नस्ल इसे जरूर पढ़ेगी। एक ऐसी कहानी, जिसमें जिद्दी राजा और करोड़ों अन्नदाताओं के बीच की कहानी होगी। इस बैठक का संचालन अजय खतियान तो अध्यक्षता विजयपाल सोरम ने की। बैठक कई किसान नेताओं के साथ सैकड़ों की संख्या में किसान मौजूद रहे।