दरअसल, जनपद में पिछले काफी समय से नशे के सौदागर सक्रिय थे। जो रोजाना जनपद में लाखों रुपए की कीमत का नशा बेचकर युवाओं को मौत का सामान बेच रहे थे। इस बात की भनक जनपद मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक यादव को लगी तो उन्होंने इस कारोबार को तोड़ने के लिए थाना सिविल लाइन पुलिस व जनपद की क्राइम ब्रांच टीम को संयुक्त रूप से लगाया। जिसमें पुलिस ने 6 नशे के सौदागरों को नशीला पदार्थ बेचते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
पकड़े गए नशे के इन सौदागरों के कब्जे से पुलिस ने 14 लाख की कीमत का 65 किलो 50 ग्राम गांजा, 1 लाख की कीमत की 40 ग्राम स्मैक, 50 हज़ार की कीमत की डेढ़ किलो चरस, 11 मोबाइल फोन, 5 इलेक्ट्रॉनिक कांटे 32 हज़ार नशीले पदार्थ के पैकेट आदि बरामद किए हैं। एसएसपी ने खुलासा करने वाली क्राइम ब्रांच व थाना सिविल लाइन पुलिस टीम को पच्चीस हजार रुपये का पुरुस्कार देने की घोषणा की है।
एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि सरकारी भांग के ठेके का लाइसेंस अपने रिश्तेदार सोनू पुत्र अतर सिंह निवासी सेनपुर थाना बुढ़ाना के नाम पर लिया हुआ है। ये लोग सरकारी भांग के ठेके की आड़ में अवैध धंधा करते हैं और अंतर राज्य में अपना नेटवर्क फैलाकर अवैध नशे का कारोबार करते थे। क्राइम ब्रांच टीम व थाना सिविल लाइन पुलिस की संयुक्त टीम ने अंतर राज्य स्तर पर अवैध मादक पदार्थों चरस, गांजा, स्मैक आदि का कारोबार करने वाले गैंग का पर्दाफाश कर 6 शातिर तस्करों को गिरफ्तार किया है।