अरविंद कश्यप का आरोप है कि कुछ वर्ष पहले उसे खुड्डा गांव में दो मुस्लिम युवकों ने धर्म परिवर्तन करने की सलाह दी थी। युवकों ने उसे दस लाख रुपये देने के साथ मुस्लिम लड़की से निकाह कराने की बात कही थी। जब अरविंद धर्म परिवर्तन को तैयार हो गया तो खुड्डा गांव के मदरसे में फुलत के मौलाना कलीम सिद्दकी ने कलमा पढ़ाकर उसका अरविंद से नाम बदलकर अकबर कर दिया था। धर्म परिवर्तन से पहले उसे जो लालच दिया गया था, वो पूरा नहीं किया गया। लिहाजा उसने ही हिन्दू जागरण मंच के माध्यम से दोबारा हिन्दू धर्म में वापसी कर ली। धर्म परिवर्तन के बाद उसे कई बार जान से मारने की धमकी भी दी गई। वह 9 महीने तक मुसलमान बनकर घर से बाहर रहा।
यह भी पढ़ें- धर्मांतरण केस: मौलाना कलीम के करीबी हाफिज इदरीश को भी एटीएस ने उठाया, मदरसे का पूरा स्टाफ और छात्र भूमिगत अरविंद ने बताया कि उसने कुछ माह पहले भी पुलिस में शिकायत पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई थी, लेकिन पुलिस ने धर्म परिवर्तन कराने वाले मौलाना के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। जब उसे मालूम हुआ कि मौलाना कलीम सिद्दीकी को एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है तो उसने हिन्दू जागरण मंच के साथ छपार पुलिस स्टेशन पहुंचकर मौलाना कलीम के साथ कई और मौलानाओं के खिलाफ कार्रवाई की की मांग की है।