शिया और सुन्नियों के रोजे में सिर्फ टाइम का फर्क
शिया और सुन्नी के रोजे रखने के तरीके में कोई फर्क नहीं होता। मतलब ये कि ऐसा नहीं है कि किसी को बीच में कुछ मोहलत हो और किसी को नहीं। सिर्फ सहरी करने और इफ्तार करने के वक्त में थोड़ा फर्क होता है।
इस साल दुनिया के किस शहर में सबसे लंबा, किस शहर में सबसे छोटा रोजा?
सुबह तड़के भी शिया मुसलमान सुन्नी मुस्लिमों से 10 मिनट पहले ही खाना-पीना बंद कर देते हैं। ऐसे में देखें तो शियाओं का रोजा सुन्नियों से करीब 20 से 30 मिनट ज्यादा होता है। सुन्नी मुस्लिम रोजा खोलकर मगरिब की नमाज पढ़ते हैं। इसके उलट शिया नमाज पढ़ने के बाद इफ्तारी करते हैं।
इस्लामिक कैलेंडर का 9वां महीना है रमजान
रमाजान मुस्लिम कैलेंडर का नौवां महीना होता है। इस पूरे महीने को इस्लाम के मानने वाले बहुत पाक मानते हैं। इस पूरे महीने मुसलमान ना सिर्फ रोजे रखते हैं बल्कि बहुत ज्यादा इबादत भी करते हैं। दूसरे महीनों के मुकाबले रमजान में मस्जिदों में ज्यादा लोग नमाज पढ़ते देखे जा सकते हैं।