सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सात फरवरी को मामले से जुड़े सभी मुकदमे साकेत कोर्ट में स्थानांतरित कर दिए गए थे। पिछली सुनवाई के दौरान पॉक्सो कोर्ट में आरोपी डॉ अश्विनी कुमार ने आवेदन देकर मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद समेत तीन लोगों के खिलाफ जांच की मांग करते हुए दलील दी थी कि 2013 तक सरकार ने बालिका गृह को लगातार फंडिंग की और जांच में हमेशा संस्थान के संचालन को सही बताया जाता रहा। आरोप यह भी लगाया कि बिना सरकारी संरक्षण के यह संभव नहीं हो सकता। पॉक्सो कोर्ट ने इस आवेदन को सीबीआई एसपी को भेज दिया ताकि उचित कार्रवाई हो सके। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पहले ही मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को पटियाला जेल भेजा जा चुका है।
लड़कियों के फरार होने से हड़कंप
इधर पटना के निकट मोकामा में स्थित शेल्टर होम से सात लड़कियों के फरार होने के बाद हड़कंप मच गया है। इनमें पांच लड़कियां शेल्टर होम कांड की गवाह थी जबकि दो लड़कियां पहले से ही यहां रही थी। बता दें कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के खुलासे के बाद बालिका गृह से कई लड़कियों को मोकामा, छपरा ,बेगूसराय समेत सात स्थानों पर स्थानांतरित किया गया था।
बता दें कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के सर्वे में मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के संचालन में अनियमितता की बात सामने आई थी। जब जांच शुरू हुई तो शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों व महिलाओं के यौन शोषण की बात सामने आई।