वर्ष – कुल नमूने – फेल – कोर्ट में पेश
2017 – 86 – 34 – 34
2018 – 131 – 44 – 44
2019 – 159 – 56 – 56
2020 – 240 – 85 – 85
2021 – 130 – 50 – 27
(वर्ष 2021 के आंकड़े अब तक के हैं।)
दीपावली व होली के त्योहार सहित आम दिनों में खाद्य पदार्थों में मिलावट की आशंका को लेकर जिले में चलाए जाने वाले शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत मुख्य रूप से दूध, मावा, पनीर एवं अन्य दुग्ध उत्पादों, आटा, बेसन, खाद्य तेल व घी, सूखे मेवे तथा मसालों की जांच की जाती है।
– दीपावली के दिन नजदीक आ चुके हैं। ऐसे में बड़े मिष्ठान भंडारों पर मिठाइयां बनाने से लेकर नमकीन तैयार करने के लिए जिस सामग्री की जरूरत होती है, वह आने लगी है। साथ ही कई विक्रेताओं ने इनका भंडारण शुरू कर दिया है। ऐसे में यदि समय पर जांच होती है तो इसकी गुणवत्ता की स्थिति सामने आ जाएगी।
– लोगों ने भी सूखे मेवे लेने शुरू कर दिए हैं, वहीं विभिन्न प्रकार की नमकीन व अन्य खाद्य वस्तुएं भी लेने लगे हैं।
पिछले चार-पांच साल में खाद्य सुरक्षा को विभिन्न व्यापारिक संस्थानों से लिए गए नमूनों की जांच के बाद जो खाद्य पदार्थ अमानक पाए गए, उन व्यापारिक फर्मों के विरूद्ध लाखों रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके बावजूद मिलावट का यह गोरखधंधा कम होने की बजाए बढ़ रहा है। जानकारों का कहना है कि मिलावटखोर मिलावट से जितना कमाते हैं, उसका 10 फीसदी भी जुर्माना नहीं लगता, इसलिए कार्रवाई के बावजूद वे मिलावट करना बंद नहीं करते। इसके लिए कानून में सजा के प्रावधान कड़े करने होंगे।
त्योहारों का समय आने पर खाद्य पदार्थों में मिलावट होने की संभावना अधिक रहती है, इसलिए सरकार ने इसमें और अधिक सतर्कता बरतने व खाद्य पदार्थों में मिलावट पर अंकुश लगाने के निर्देश दिए हैं। जिले में जिला कलक्टर के निर्देशानुसार खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजेश जांगीड़ द्वारा ऐसे खाद्य पदार्थ उत्पादक, बड़े थोक विक्रेता और खुदरा विक्रेताओं के चिह्नीकरण करने व संदिग्ध खाद्य पदार्थों के नमूने लेने की कार्रवाई की जा रही है। आमजन भी मिलावटखोर के खिलाफ शिकायत दे सकते हैं, जिस पर विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी तथा शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
– डॉ. मेहराम महिया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, नागौर