नागौर लिफ्ट पेयजल परियोजना के प्रथम चरण में 195 गांव आज भी नहरी पानी से नहीं जुड़ पाए हैं, जबकि द्वितीय चरण में 573 गांव परियोजना से लाभान्वित नहीं हो पाए हैं। इस परियोजना में कुल 1479 गांव एवं 12 शहर/कस्बों को जोडऩे का लक्ष्य है, जिसमें से 711 गांव व 12 शहर/कस्बे ही जुड़ पाए हैं।
प्रथम चरण-
कुल बजट – 1269.74 करोड़ रुपए
कुल गांव/शहर – प्रथम चरण में कुल 494 गांवों व 5 शहरों को नहरी पानी से जोडऩा था, जिसमें से अब तक 315 गांवों व पांचों शहरों को जोड़ा जा सका है, जबकि 195 गांव आज भी नहरी पानी का इंतजार कर रहे हैं।
कुल पैकेज – 4
– प्रथम पैकेज का कार्य जनवरी 2012 में पूर्ण हो चुका है, जबकि द्वितीय पैकेज का कार्य जून 2016 में पूर्ण हुआ है, जिसमें नागौर व खींवसर तहसील के 167 गांवों व 2 कस्बों (नागौर व बासनी) को लाभान्वित किया गया है, जबकि प्रथम पैकेज का काम जनवरी 2009 व द्वितीय पैकेज का कार्य जून 2014 में पूर्ण होना था।
– तृतीय पैकेज में नागौर (मूण्डवा तहसील के गांव शामिल), डेगाना एवं मेड़ता तहसील के 151 ग्राम व 2 कस्बों (मूण्डवा व कुचेरा) को नागौर परियोजना से जोडऩा है, इसमें से अब तक दोनों कस्बों के साथ 104 गांवों को ही जोड़ा गया है, यानी 47 गांव अब भी नहरी पानी को तरस रहे हैं, जबकि इस पैकेज का कार्य साढ़े चार साल यानी जुलाई 2015 में पूरा होना था। अधिकारियों का कहना है कि इस पैकेज का 96 प्रतिशत कार्य पूरा किया जा चुका है, जो मार्च 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य है। हालांकि यह संभव नहीं है।
– चतुर्थ पैकेज में डेगाना एवं मेड़ता तहसील के 176 ग्राम व एक कस्बा मेड़ता को नहरी पानी से लाभान्वित करना था, जिसमें से 44 ग्राम व मेड़ता कस्बे को ही जोड़ा जा सका है। यानी 132 गांव अब भी नहर के मीठे पानी से वंचित है। अधिकारियों का दावा है कि 80 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है और मई 2020 तक काम पूर्ण करने का लक्ष्य है।
कुल बजट – 2938 करोड़ रुपए
कुल गांव/शहर – कुल 7 कस्बों (परबतसर, मकराना, डीडवाना, डेगाना, लाडनूं, कुचामन एवं नावां) सहित 985 गांवों को लाभान्वित किया जाना है, जिसमें से अब तक 412 गांवों व 7 कस्बों को को नहरी पानी से जोड़ा गया है, जबकि 573 गांव अब भी वंचित हैं।
– द्वितीय चरण में तीन पैकेज (टीएम-1, टीएम-2 व टीएम-3) का काम दिसम्बर 2018 में पूरा कर लिया गया, जिसमें बड़ी पाइपलाइन बिछाने, रॉ-वाटर पम्प हाउस, रॉ-वाटर रिजर्वायर, ट्रीटमेंट प्लांट, विद्युत फीडर सहित स्वच्छ जलाशय आदि का काम किया गया।
– छह पैकेज को सीडीएस (कलस्टर वितरण प्रणाली) 1 -6 नाम दिया गया।
– सीडीएस-1 में परबतसर तहसील के 110 ग्राम व परबतसर कस्बे को लाभान्वित किया जाना था, जिसमें से अब तक परबतसर के साथ मात्र एक गांव को जोड़ा गया है।
– सीडीएस-2 में मकराना तहसील के 119 ग्राम व मकराना कस्बे को जोडऩा था, जिसमें से अब तक मकराना व एक गांव को जोड़ा गया है।
– सीडीएस-3 में डीडवाना तहसील के 170 गांवों को लाभान्वित किया जाना था, जिसमें से अब तक डीडवाना को ही पानी मिला है।
– सीडीएस-4 में डेगाना, जायल व नागौर तहसील के 176 गांवों व डेगाना कस्बे को जोडऩा था, जिसमें से केवल डेगाना को जोड़ा जा सका है।
– सीडीएस -5 में लाडनूं तहसील के 97 गांवों व लाडूनं कस्बे को जोडऩा था, इसका कार्य सितम्बर 2019 में पूर्ण हो चुका है।
– सीडीएस-6 का समस्त कार्य पूर्ण कर नावां तहसील के 96 गांवों तथा 2 कस्बों कुचामन व नावां को लाभान्वित किया जा चुका है।
नहरी परियोजना का कार्य समय पर पूरा करवाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, बीच में कुछ कारणों से ठेकेदार कम्पनी ने काम बंद कर दिया था, जिसने अब दुबारा शुरू किया है। हमारी कोशिश है कि र्गिर्मयों तक काम पूरा हो जाए।
– अजय शर्मा, अधीक्षण अभियंता, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, परियोजना वृत्त, नागौर