शुद्ध के लिए युद्ध अभियान को लेकर गठित टीम गोगलाव गांव की ढाणी में संचालित फैक्ट्री पहुंची तो वहां करीब 70 किलो खराब मावा मिला, जिसे अधिकारियों ने हाथों-हाथ नष्ट करवा दिया। खाद्य सुरक्षा अधिकारी जांगीड़ ने बताया कि फैक्ट्री संचालक इस मावा को भी सप्लाई करने की फिराक में था। वहीं फैक्ट्री के फ्रीजर में मिले मावा के नमूने लिए गए हैं। साथ ही मौके से आउटडेटेड विनेजर सिंथेटिक भी मिला है, जिसको लेकर संचालक ने बताया कि लॉकडाउन से पहले का है और लॉकडाउन में फैक्ट्री बंद होने से काम नहीं ले पाए, लेकिन फैक्ट्री संचालक के जवाब पर संदेह इसलिए है कि विनेजर सिंथेटिक की बोतल पर एक्सपायरी डेट जनवरी 2020 लिखी है, जबकि लॉकडाउन मार्च के अंतिम सप्ताह में लगा था। अधिकारियों ने बताया कि यह दूध से पनीर बनाने में काम आता है।
जिला कलक्टर के निर्देशानुसार सोमवार से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए रसद विभाग तथा खाद्य सुरक्षा निरीक्षक की टीम के साथ शहर में मावा की दुकानों से नमूने लिए। साथ ही ग्राम गोगेलाव मावा फैक्ट्री का निरीक्षण किया गया, जहां पर खराब मावा पाया गया, जिसे जिसे मौके पर ही नष्ट करवाया। मावा के नमूनों की रिपोर्ट में मिलावट या खराब पाए जाने पर मावा विक्रेता के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। यह अभियान आगामी 16 नवम्बर तक चलेगा, जिसमें खाद्य पदार्थों के मिलावट, मिठाइयों व अन्य पदार्थों में मिलावट की जांच की जाएगी। साथ ही समस्त मिठाई दुकानदारों को निर्देशित जा रहा है कि वे मिठाइयों पर एक्सपायरी डेट अंकित करें।
– सुभाषचंद चौधरी, तहसीलदार, नागौर