सीबीआई के समक्ष बयान देने सांवराद पहुंचे रावणा राजपूत समाज के प्रदेशाध्यक्ष रणजीतसिंह सोडाला ने सीबीआई को दिए बयानं के बाद मौलासर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हालांकि सरकार आनन्दपाल के फर्जी एनकाउंटर की सीबीआई जांच नहीं करवा रही, लेकिन एनकाउंटर के बाद गांव सांवराद में हुए उपद्रव व सुरेन्द्र सिंह की मौत के मामले में जो जांच सीबीआई कर रही है, उससे समाज व आनन्दपाल के परिजन संतुष्ट है।
सीबीआई जांच में ही दूध का दूध व पानी का पानी होगा। रणजीत सिंह के अलावा अन्य कई लोगों के भी सीबीआई के समक्ष बयान हुए। मालूम हाे कि आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद राजपूत समाज के आंदाेलन के बाद राजस्थान सरकार ने मामले की सीबीआर्इ जांच कराने का एेलान किया था।
आनंदपाल एनकाउंटर मामले में हाल ही में सीबीआई की टीम तहसील के गांव मालासर पहुंची थी। उक्त टीम ने आनंदपाल एनकाउंटर स्थल श्रवणसिंह राजपूत के मकान का करीब 5 घंटे तक मुआयना किया। उक्त टीम ने आनंदपाल एनकाउंटर स्थल श्रवणसिंह राजपूत के मकान का करीब 5 घंटे तक मौका मुआयना कर बारीकी से जांच की । इस दौरान सीबीआई टीम के साथ आई एसओजी की टीम भी थी।
एफएसल की टीम व एसओजी की टीम ने आनन्दपाल जिस कमरे में रूका था, उसकी दीवार पर लगे गोलियों के निशान की बारीकी से जांच कर उन निशानों का मापदंड लिया। इस कमरे की दीवार को खोदने पर दीवार में दो कारतूस मिले जो एक ए के 47 का व दूसरा 9 एम एम पिस्टल का बताया गया। उन्होंने अपने साथ आये कैमरामैन से घटनास्थल व गोलियों के निशान एवं जहां से गोली मारी गई थी, उससे कमरे की दूरी सहित कई वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी भी करवाई।
इस दौरान मौके पर मौजूद आनंदपाल के शव का पोस्टमार्टम करने वाली रतनगढ़ चिकित्सकों की टीम को भी घटनास्थल पर बुलाकर 5 घंटे तक साथ रखकर हर पहलू पर पूछताछ की। टीम ने गोली चलने के स्थल से आनन्दपाल के कमरे तक की दूरी के भी पूरे माप दंड लिये। फोरेंसिक लैब दिल्ली के विज्ञान अधिकारी भी इस दौरान मौजूद थे। जांच करने आए सीबीआई टीम के एएसपी आर के शुक्ला, इसी टीम के डीएसपी एसएस रावत, रतनगढ़ डीएसपी नारायणदान सहित करीब दो दर्जन अधिकारी मौजूद थे।
मालासर पहुंची सीबीआई टीम के साथ पांच गाडिय़ोंं में करीब दो दर्जन अधिकारी व कार्मिक थे। इस टीम में रतनगढ़ से चिकित्सक डा.संजय स्वामी, डा.राकेश गौड़ व एफएसएल के चिकित्सक आर.सचदेवा भी थे। इनसे आनन्दपाल के पोस्टमार्टम सम्बन्धी विभिन्न प्रकार की पूछताछ की गई। आनन्दपाल के कमरे व दीवारों पर लगे गोलियों के निशान को चिह्नित कर उनके आकार के नाप लिए गए। आनन्दपाल जिस श्रवणसिंह के घर में ऊपर के कमरे में रूका था, उस कमरे की पूरी बारीकी से जांच की गई और श्रवणसिंह के घर में घुसने से लेकर ऊपर जाने तक के एवं पिछवाड़े में जहां आनन्दपाल की गाड़ी खड़ी थी, वहां तक की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी कराई गई। हालांकि पूरी टीम ने किसी प्रकार की जानकारी देने से गोपनीय जांच का कहकर इनकार कर दिया और कोई वक्तव्य नहीं दिया।