लागत – करीब 19.37 करोड़
लम्बाई – 1063 मीटर
शिलान्यास – मई, 2017
काम शुरू किया – सितम्बर 2017
काम पूरा करना था – 14 दिसम्बर 2018
पूत के पांव पालने में दिख गए
शहर के बीकानेर रेलवे फाटक (सी-61) पर ओवरब्रिज बनाने के लिए सरकार ने 25.74 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया। इसके बावजूद फरीदाबाद की फर्म गुरुनानक इंजिनियरिंग सर्विस ने यह काम बीएसआर रेट से नीचे जाकर 19.37 करोड़ में ले लिया। अधिकारियों को उसी दिन लग गया कि यह काम पूरा नहीं कर पाएगा। लेकिन सरकार को छह करोड़ का फायदा हो रहा था, इसलिए काम शुरू करवाया। मई, 2017 में आरओबी का शिलान्यास किया गया। शिलान्यास के चार महीने बाद ठेकेदार ने काम शुरू किया, लेकिन रफ्तार हमेशा कच्छुआ चाल वाली रही। बार-बार काम बंद हो रहा था। फाटक से दूर वाला काम पहले करने की बजाए पटरियों के दोनों तरफ अधूरे पिलर खड़े करके छोड़ दिए, जिससे यातायात में ज्यादा परेशानी आने लगी।
ठेकेदार ने नागौरवासियों को पिछले पांच साल में जो दर्द दिया है, उसके बावजूद काम पूरा करने की बजाए अधूरा छोड़ दिया। ठेकेदार को 7 जून 2017 को काम सौंपा गया और 548 दिन यानी 14 दिसम्बर 2018 को करम पूरा करने की समय सीमा दी गई। ठेकेदार ने निर्धारित समय से 1205 दिन अधिक बीतने के बावजूद 59 फीसदी काम पूरा किया है। यानी अब यदि दूसरे ठेकेदार को काम दिया जाएगा तो भी कम से कम एक साल का समय और लगेगा, ऐसे में ठेकेदार की लापरवाही के कारण नागौरवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा और आगे भी सामना करना पड़ेगा। इसके बदले ठेकेदार को यदि जेल भी भेजा जाए तो कम है।
आरओबी के निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा बरती गई लापरवाही व उदासीनता को लेकर पत्रिका ने समय-समय पर समाचार प्रकाशित कर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया था। हाईकोर्ट में याचिका लगाने के बावजूद ठेकेदार हर बार शपथ पत्र देकर कोर्ट को गुमराह करता रहा, जबकि काम की गति नहीं बढ़ाई। 8 नवम्बर 2021 को हुई सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने ठेकेदार को एक अतिरिक्त हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था, जिसमें उसे बताना था कि निर्माण कब तक पूरा होगा। जिस पर ठेकेदार कंवरजीत सिंह ने अतिरिक्त शपथपत्र पेश करते हुए बताया कि आरओबी का 60 प्रतिशत काम पूरा हो गया है और शेष कार्य 8 महीने में यानी 21 मई 2022 तक पूरा कर देगा। इसके बाद काम शुरू नहीं किया तो पत्रिका ने 11 दिसम्बर 2021 को ‘ठेकेदार ने झेली नकटाई, कोर्ट में बोल रहा झूठ पर झूठ’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। पत्रिका ने यह भी बताया कि जो व्यक्ति साढ़े चार साल में 60 प्रतिशत काम नहीं कर पाया, वह आठ महीने में 40 प्रतिशत काम कैसे करेगा।
बीकानेर फाटक पर आरओबी का काम पूरा कराने के लिए दूसरी एजेंसी को काम देने का निर्णय लिया है। इसके लिए पहले कोर्ट से अनुमति लेनी पड़ेगी, क्योंकि इसको लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई हुई है। अनुमति मिलने के बाद बाद आगे की कार्रवाई करेंगे।
– राहुल पंवार, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी (एनएच), नागौर