जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वालों में पुुरुषों की संख्या महिलाओं से लगभग दुगुनी है। कुल पॉजिटिव में पुरुषों की संख्या जहां 3231 है, वहीं महिलाओं की संख्या 1538 ही है, यानी ‘आधी आबादी’ में कोरोना संक्रमण भी पुरुषों की तुलना में आधे से कम फैला है।
5 अप्रेल को जिले का पहला कोरोना संक्रमित मिलने के बाद पिछले छह महीनों में कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा 4769 हो गया है। औसत रूप से देखें तो हर महीने करीब 794 मरीज संक्रमित हुए हैं, लेकिन धरातलीय हकीकत देखें तो संक्रमित की संख्या दिनों-दिन बढ़ी है, यानी अप्रेल की तुलना में मई में करीब तीन गुना लोग संक्रमित हुए, जबकि जून में थोड़ी लगाम लगने से 180 लोग ही संक्रमित हुए। इसके बाद जुलाई में सीधे साढ़े चार गुना संक्रमित हो गए और अगस्त महीने में 1252 पॉजिटिव पाए गए और सितम्बर में पिछले पांच माह का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
माह – कुल सैम्पल – पॉजिटिव – डिस्चार्ज – मौत
मार्च – 19 – 0 – 0 – 0 – 0
अप्रेल – 2770 – 117 – 45 – 2
मई – 12020 – 339 – 225 – 5
जून – 8733 – 180 – 357 – 5
जुलाई – 19007 – 824 – 576 – 16
अगस्त – 33036 – 1252 – 991 – 15
सितम्बर – 32881 – 2057 – 1729 – 17
जिले में सबसे अधिक कोरोना संक्रमित नागौर ब्लॉक में हुए हैं। शुरुआती दिनों में बासनी में 256 संक्रमित होने के बाद शहर में शुरू हुआ संक्रमण तेजी से बढ़ा और हाउसिंग बोर्ड, इंदिरा कॉलोनी, व्यास कॉलोनी, सैनिक बस्ती, नया दरवाजा, भंडारियों की गली, संजय कॉलोनी सहित अन्य क्षेत्रों में लोग संक्रमित हुए। नागौर ब्लॉक में कुल 1511 पॉजिटिव मिले हैं, वहीं लाडनूं ब्लॉक में 441, जायल में 239, रियां में 177, परबतसर में 165, डीडवाना में 363, मूण्डवा में 447, कुचामन में 186, डेगाना में 161, मकराना में 393 तथा मेड़ता में 685 जने संक्रमित हुए। पूरे जिले के आंकड़ों को देखें तो नागौर के बाद सबसे ज्यादा मेड़ता ब्लॉक में, उसके बाद मूण्डवा, लाडनूं व मकराना में संक्रमण फैला।
कोरोना वायरस का संक्रमण की रोकथाम जनता है हाथ में है, अस्पताल में केवल उपचार हो सकता है। इस बात को हम सभी को समझना होगा। हर व्यक्ति को मास्क लगाना होगा और सोशल डिस्टेंस रखनी होगी। आमतौर पर देखते हैं लोग या तो मास्क लगाते नहीं और लगाते हैं तो नाक को ढंकते नहीं है, जिससे मास्क लगाने का औचित्य ही नहीं रहता। आगामी परिस्थितियां क्या होंगी, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। इसलिए जागरूक रहकर संक्रमण को फैलने से रोकना होगा।
डॉ. राजेन्द्र बेड़ा, नोडल प्रभारी, कोविड-19 वार्ड, जेएलएन अस्पताल, नागौर
सितम्बर माह के शुरुआती दिनों में बढ़े संक्रमण को देखते हुए ही जिले में धारा 144 की निषेधाज्ञा लगाई गई थी। दूसरी तरफ आमजन को मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंस रखने एवं सरकारी गाइडलाइन की पालना करने के लिए समझाइश के साथ सख्ती भी कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि अब पॉजिटिव की संख्या में कुछ कमी आई है। जागरुकता के लिए हमने रथ भी चलाए हैं। हमारा प्रयास है कि कोरोना संक्रमण पर हर हाल में रोकथम लगे।
– डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, जिला कलक्टर, नागौर