गौरतलब है कि जिले में बारिश के मौसम के साथ ही कोरोना महामारी का संक्रमण भी बढऩे लगा है। पिछले दिनों एक मरीज की मौत के बाद रविवार को जिले में एक साथ 8 मरीज सामने आए हैं। इसके बावजूद जिले में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी है। हालांकि अब जो मरीज सामने आ रहे हैं, वे उपचार के बाद ठीक भी हो रहे हैं, इसलिए जनता और विभाग दोनों ही गंभीर नहीं हैं।
प्रथम डोज
आयु वर्ग – लक्ष्य – प्राप्ति – बाकी – प्रतिशत
18+ – 24,81,698 – 23,83,798 – 97,900 – 96.06
15-18 – 2,33,711 – 1,62,004 – 71,707 – 69.32
12-14 – 1,50,604 – 1,04,360 – 46244 – 69.29
कुल – 28,66,013 – 26,50,162 – 1,69,607 – 92.47
आयु वर्ग – लक्ष्य – प्राप्ति – बाकी – प्रतिशत
18+ – 23,83,798 – 22,08,708 – 1,75,090 – 92.65
15-18 – 1,62,004 – 1,29,593 – 32,411 – 79.99
12-14 – 1,04,360 – 40,880 – 63,480 – 39.17
कुल – 26,50,162 – 23,79,181 – 2,70,981 – 89.77
लक्ष्य – प्राप्ति – बाकी – प्रतिशत
7,34,129 – 1,41,032 – 5,93,097 – 19.21 15 दिन में साढ़े 14 हजार का वैक्सीनेशन
चिकित्सा विभाग के अनुसार जिले में पिछले 15 दिन में 14 हजार 536 लोगों का वैक्सीनेशन किया गया है, इसमें सबसे अधिक 5462 लोगों का वैक्सीनेशन मूण्डवा ब्लॉक में किया गया है, जबकि सबसे कम मकराना ब्लॉक में मात्र 77 लोगों को टीका लगाया है। टीका लगाने वाले 14,536 लोगों में सबसे अधिक 11,679 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने द्वितीय डोज लगवाई है।
जिले में 3 लाख 29 हजार 533 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने प्रथम डोज लगवाने के बाद दूसरी डोज नहीं लगवाई। इसमें भी सबसे अधिक (67,925) लोग नागौर ब्लॉक में है, जबकि सबसे कम (13,928) रियां बड़ी ब्लॉक में हैं।
कोरोना के समय 12 वर्ष से छोटे बच्चों को टीका लगाने की बात करने वाली सरकार भी संक्रमण कम हुआ तो ढिलाई बरतने लगी। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के मौसम में बच्चों में सर्दी-जुखाम की बीमारी बढ़ेगी, ऐसे में उनका वैक्सीनेशन होना जरूरी है।
हमें स्कूलों से जो आंकड़े दिए गए थे, उतनी संख्या में बच्चे नहीं मिले। इसके साथ मई में गर्मी की छुट्टियां होने के कारण भी बच्चों का वैक्सीनेशन नहीं हो पाया था। अब वापस स्कूलें खुली हैं तो वैक्सीनेशन की गति भी बढ़ाएंगे।
– डॉ. मेहराम महिया, सीएमएचओ, नागौर