scriptनिजी स्कूल संचालकों पर कोरोना का कहर | Corona's havoc on private school operators in Nagaur | Patrika News
नागौर

निजी स्कूल संचालकों पर कोरोना का कहर

परीक्षाएं स्थगित होने से अटक गई साल भर की फीस, निजी स्कूल संचालक परीक्षा से पहले वसूलते हैं फीस, इस बार परीक्षा निरस्त होने से फीस भी नहीं मिली, आरटीई की पुनर्भरण राशि भी डेढ़ साल से नहीं मिली

नागौरMar 26, 2020 / 02:18 pm

shyam choudhary

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नागौर. यूं तो कोरोना वायरस से विश्व के विकसित देशों में भी त्राहि-त्राहि मची हुई है। वहीं भारत में सरकार द्वारा समय पर उठाए गए उचित कदमों के चलते इस महामारी पर नियंत्रण पाने का प्रयास किया जा रहा है। इन्हीं प्रयासों के तहत समाज का हर तबका प्रभावित हो रहा है, जिसमें निजी स्कूल संचालक भी शामिल हैं। प्रदेश में स्कूली विद्यार्थियों की परीक्षाएं स्थगित होने से ज्यादातर निजी स्कूल संचालकों की वर्ष भर की फीस अटक गई है।
वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार ने निजी स्कूल संचालकों को आरटीई के तहत नि:शुल्क पढऩे वाले बच्चों की फीस का पुनर्भरण भी नहीं दिया है। ऐसे में उनके लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। निजी स्कूल संचालकों ने बताया कि शिक्षा सत्र 2019-20 की दोनों किस्तें बकाया हैं, जबकि वर्ष 2018-19 का भी पूरा भुगतान नहीं हो पाया है। वहीं परीक्षाएं स्थगित होने से उन्हें बच्चों की फीस भी नहीं मिल पाई है। गौरतलब है कि ज्यादातर स्कूलों में परीक्षा के समय ही बच्चों से फीस वसूली जाती है।
पुनर्भरण की राशि खातों में जमा हो
परीक्षाएं स्थगित होने से निजी स्कूल संचालकों की फीस भी अटक गई है। वहीं दूसरी तरफ शिक्षा विभाग ने आरटीई के तहत नि:शुल्क पढऩे वाले बच्चों की पुनर्भरण राशि भी नहीं दी है। सरकार को कम से कम गत वर्ष की राशि तो जमा करानी चाहिए।
– विनेश शर्मा, सचिव, निजी स्कूल एसोसिएशन, नागौर

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