वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार ने निजी स्कूल संचालकों को आरटीई के तहत नि:शुल्क पढऩे वाले बच्चों की फीस का पुनर्भरण भी नहीं दिया है। ऐसे में उनके लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। निजी स्कूल संचालकों ने बताया कि शिक्षा सत्र 2019-20 की दोनों किस्तें बकाया हैं, जबकि वर्ष 2018-19 का भी पूरा भुगतान नहीं हो पाया है। वहीं परीक्षाएं स्थगित होने से उन्हें बच्चों की फीस भी नहीं मिल पाई है। गौरतलब है कि ज्यादातर स्कूलों में परीक्षा के समय ही बच्चों से फीस वसूली जाती है।
पुनर्भरण की राशि खातों में जमा हो
परीक्षाएं स्थगित होने से निजी स्कूल संचालकों की फीस भी अटक गई है। वहीं दूसरी तरफ शिक्षा विभाग ने आरटीई के तहत नि:शुल्क पढऩे वाले बच्चों की पुनर्भरण राशि भी नहीं दी है। सरकार को कम से कम गत वर्ष की राशि तो जमा करानी चाहिए।
– विनेश शर्मा, सचिव, निजी स्कूल एसोसिएशन, नागौर