‘कुबेर’ को सहलाया और भूपेन्द्र को सराहना की थपकी
कलक्टर डॉ. सोनी ने पशु मेले में आकर्षण का केन्द्र बने हुए मुर्रा नस्ल के भैंसे को देखा और सहलाया भी। उन्होंने इस भैंसे की अच्छी कद-काठी और बेहत्तर पालन-पोषण पर प्रसन्नता व्यक्त की। डॉ. सोनी ने पशुपालक अलाय निवासी भूपेन्द्र से इस भैंसे का नाम पूछा तो उसने बताया ‘कुबेर’। अपने भैंसे का बेहत्तर पालन-पोषण करने पर भूपेन्द्र को जिला कलक्टर ने सराहना भरी थपकी भी दी और पशुपालन व्यवसाय से जुडऩे की सलाह दी। इसके लिए डॉ. सोनी ने मेला स्थल पर मौजूद उद्योग प्रसार अधिकारी को निर्देश दिए कि वे पशुपालक भूपेन्द्र को डेयरी उद्योग के लिए सरकार की ऋण वितरण योजना और उसकी प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी दें।
जिला कलक्टर डॉ. सोनी ने श्री रामदेव पशु मेला स्थल पर नराधना गांव से अपने हष्ठ -पुष्ट व सजे-धजे बैलों की जोड़ी को निराहा और उनके मालिक पशुपालक रामनिवास व अन्य के साथ ट्रेक्टर की ट्रोली पर बैठ चाय पी और नागौरी बैलों के नस्ल संरक्षण और संवद्र्धन पर चर्चा की। वार्ता के दौरान वरिष्ठ पशुपालक रामनिवास ने कलक्टर को बताया कि वे और उनके गांव के अन्य साथी कई दशकों से श्री रामदेव पशु मेले में नागौरी नस्ल के बैल विक्रय के लिए लाते हैं। उन्होंने जिला कलक्टर का मेला स्थल पर आकर उनके बीच वार्ता करने और आत्मीयता दिखाने पर भावुकता के साथ आभार जताया।
मुज्जफरनगर, मेरठ से आए किसानों से वार्ता, कहा पशु ले जाने में नहीं आने देंगे परेशानी
कलक्टर डॉ. सोनी ने मुज्जफरनगर तथा मेरठ (उ.प्र.) से आए किसानों व पशुपालकों से मेला स्थल पर वार्ता की और उनसे वहां पर पशुपालन और खेती के तौर-तरीकों पर चर्चा की। पशुपालकों ने डॉ. सोनी को बताया कि वे वहां कृषि कार्यों विशेषकर गन्ने की खेती में नागौरी नस्ल के बैलों का उपयोग लेते हैं। इन पशुपालकों ने मेले में खरीदे गए पशुओं के परिवहन में आने वाली परेशानियों को रखा तो कलक्टर ने उन्हें आश्वस्त किया कि उन्हें नियमानुसार रवन्ना पर्ची के साथ मेला प्रभारी अधिकारी के संपर्क सूत्र (मोबाइल नं.) भी दिए जाएंगे, ताकि रास्ते में कहीं भी परेशानी आए तो वे तत्काल संपर्क कर सकें। जिला कलक्टर ने मेला स्थल पर पशुपालकों के रजिस्ट्रेशन, क्रय-विक्रय तथा रवन्ना पर्ची दिए जाने संबंधी प्रक्रिया के बारे में संपूर्ण जानकारी ली। इस मौके पर पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सी.आर. मेहरड़ा, संयुक्त निदेशक डॉ. जगदीश बरवड़, उद्योग प्रसार अधिकारी राधिका चौधरी व वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. गुलजार व डॉ. शौकत आदि अधिकारी व मेला मैनेजमेंट से जुड़े कार्मिक मौजूद रहे।