scriptनागौर जिले में दवाइयों की आड़ में नशे का अवैध कारोबार | Drug trafficking under the guise of medicines in Nagaur district | Patrika News
नागौर

नागौर जिले में दवाइयों की आड़ में नशे का अवैध कारोबार

दवा दुकानों पर खुलेआम बिक रही है नशीली टेबलेट, डोडा-पोस्त की बंद होने के बाद बढ़ी नशीली दवा की बिक्री, नशेड़ी युवाओं से दुकानदार वसूल रहे दो से तीन गुने दाम

नागौरAug 24, 2020 / 09:33 am

shyam choudhary

Drug trafficking under the guise of medicines in Nagaur district

Drug trafficking under the guise of medicines in Nagaur district

नागौर. जिले में नशीली दवा का अवैध कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में दवा की दुकानों पर नशेड़ी युवा दो से तीन गुना अधिक दाम देकर नशीली दवा खरीद रहे हैं, जिससे बेचने वाले व सप्लाई करने वाले चांदी कूट रहे हैं। नशीली दवा का यह अवैध कारोबार पिछले दो साल से ज्यादा बढ़ा है, जिसकी प्रमुख वजह सरकार द्वारा डोडा-पोस्त की बिक्री पर लगाई गई रोक है।
गौरतलब है कि जिले में पहले दो हजार से अधिक लोग वे थे, जिनको डोडा-पोस्त खाने का लाइसेंस था, जबकि हजारों युवा ऐसे भी थे, जो चोरी-छुपे डोडा खरीदकर नशा करते थे, लेकिन जैसे ही डोडा-पोस्त की बिक्री बंद हुई, उनके लिए खुराक का बंदोबस्त करना मुश्किल हो गया। तस्करी से लाया जाने वाला डोडा भी काफी महंगा हो गया, ऐसे में दवा की दुकानों पर नशे की टेबलेट्स की बिक्री बढ़ी और वर्तमान में हर महीने करोड़ों रुपए की दवा जिले में अवैध रूप से बेची जा रही है। सदर पुलिस द्वारा शनिवार को पकड़े गए नशीली दवा से भरे ट्रक के बाद यह बात और अधिक पुख्ता हो गई है कि युवाओं की नशों में किस प्रकार नशा घोला जा रहा है।
इसलिए नहीं आते पकड़ में
जिले में दवाइयों की दुकानों पर बेची जाने वाली नशे की टेबलेट्स सरकारी सप्लाई का हिस्सा भी है। कई मरीजों को डॉक्टर द्वारा यह दवा लिखी जाती है, इसलिए जब ड्रग इंस्पेक्टर जांच करने जाते हैं तो दुकान में दवाई होने के बावजूद कार्रवाई नहीं कर पाते। लेकिन नियमानुसार दुकानदार उसी व्यक्ति को यह दवा दे सकते हैं, जिसके पास डॉक्टर की पर्ची हो, लेकिन दुकानदार थोड़े से लालच के लिए बिना पर्ची के ही नशा करने वाले युवाओं को यह टेबलेट्स बेच रहे हैं, जो चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के पकड़ में नहीं आ रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ज्यादातर नशीली दवा बिना बिल व बिल्टी के सप्लाई हो रही है, इसके बावजूद कार्रवाई न होना चिकित्सा विभाग के अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है।
पुलिस खोल सकती है बड़े राज
सदर थाना पुलिस द्वारा शनिवार को एनएच-62 पर गोवा खुर्द के पास पकड़े गए नशीली दवा से भरे ट्रक के चालक से पूछताछ एवं अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस बड़े राज उजागर कर सकती है। गौरतलब है कि पुलिस ने दोनों ट्रकों को गोवा खुर्द जाने वाले रास्ते से जब्त किया, जहां दोनों ट्रक खड़े थे। यहां बड़ा सवाल यह है कि जब दवा जोधपुर से पंजाब जा रही थी तो चालक यहां क्यों रूके? गौर करने वाली बात यह भी है कि आसपास कोई होटल भी नहीं था, ऐसे में कहीं यहां कोई सप्लाई करने की तैयारी तो नहीं थी? ऐसे कई सवाल हैं जो पुलिस जांच में सामने आएंगे।
आरोपी से कर रहे हैं पूछताछ
डोडा-पोस्त व नशीली दवा का परिवहन करने के आरोप में गिरफ्तार ट्रक चालक तारासिंह को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर तीन का रिमांड लिया है। अब तक की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि दवा उसके साथी ने जोधपुर से भरी थी। नशीली दवा की आगे कहां सप्लाई करने वाले थे और इस कारोबार में उनके साथ कौन-कौन लोग शामिल हैं, आदि प्रश्नों के जवाब जानने का प्रयास किया जा रहा है।
– सिद्धार्थ प्रजापत, जांच अधिकारी, कोतवाली थाना, नागौर
डॉक्टर की पर्ची की बिना नहीं दे सकते
नागौर पुलिस ने नशीली दवाइयों का ट्रक पकडऩे की जानकारी अखबार में पढकऱ मिली। यह दवा पंजाब जानी थी। कोई भी दवा दुकानदार बिना डॉक्टर की पर्ची के मरीज को नशे की तो दूर सामान्य दवा भी नहीं दे सकता। यदि कोई ऐसा करता है तो जानकारी मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
– प्रेमसिंह मीणा, एडीसी, नागौर

Home / Nagaur / नागौर जिले में दवाइयों की आड़ में नशे का अवैध कारोबार

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो