जिले में दवाइयों की दुकानों पर बेची जाने वाली नशे की टेबलेट्स सरकारी सप्लाई का हिस्सा भी है। कई मरीजों को डॉक्टर द्वारा यह दवा लिखी जाती है, इसलिए जब ड्रग इंस्पेक्टर जांच करने जाते हैं तो दुकान में दवाई होने के बावजूद कार्रवाई नहीं कर पाते। लेकिन नियमानुसार दुकानदार उसी व्यक्ति को यह दवा दे सकते हैं, जिसके पास डॉक्टर की पर्ची हो, लेकिन दुकानदार थोड़े से लालच के लिए बिना पर्ची के ही नशा करने वाले युवाओं को यह टेबलेट्स बेच रहे हैं, जो चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के पकड़ में नहीं आ रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ज्यादातर नशीली दवा बिना बिल व बिल्टी के सप्लाई हो रही है, इसके बावजूद कार्रवाई न होना चिकित्सा विभाग के अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है।
सदर थाना पुलिस द्वारा शनिवार को एनएच-62 पर गोवा खुर्द के पास पकड़े गए नशीली दवा से भरे ट्रक के चालक से पूछताछ एवं अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस बड़े राज उजागर कर सकती है। गौरतलब है कि पुलिस ने दोनों ट्रकों को गोवा खुर्द जाने वाले रास्ते से जब्त किया, जहां दोनों ट्रक खड़े थे। यहां बड़ा सवाल यह है कि जब दवा जोधपुर से पंजाब जा रही थी तो चालक यहां क्यों रूके? गौर करने वाली बात यह भी है कि आसपास कोई होटल भी नहीं था, ऐसे में कहीं यहां कोई सप्लाई करने की तैयारी तो नहीं थी? ऐसे कई सवाल हैं जो पुलिस जांच में सामने आएंगे।
डोडा-पोस्त व नशीली दवा का परिवहन करने के आरोप में गिरफ्तार ट्रक चालक तारासिंह को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर तीन का रिमांड लिया है। अब तक की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि दवा उसके साथी ने जोधपुर से भरी थी। नशीली दवा की आगे कहां सप्लाई करने वाले थे और इस कारोबार में उनके साथ कौन-कौन लोग शामिल हैं, आदि प्रश्नों के जवाब जानने का प्रयास किया जा रहा है।
– सिद्धार्थ प्रजापत, जांच अधिकारी, कोतवाली थाना, नागौर
नागौर पुलिस ने नशीली दवाइयों का ट्रक पकडऩे की जानकारी अखबार में पढकऱ मिली। यह दवा पंजाब जानी थी। कोई भी दवा दुकानदार बिना डॉक्टर की पर्ची के मरीज को नशे की तो दूर सामान्य दवा भी नहीं दे सकता। यदि कोई ऐसा करता है तो जानकारी मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
– प्रेमसिंह मीणा, एडीसी, नागौर