हालांकि जिन क्षेत्रों में समय पर बारिश होने पर किसानों ने खरीफ की बुआई की थी, वहां भी स्थिति खराब है। टिड्डी प्रकोप व बारिश की अनियमितता के चलते कहीं दुबारा बारिश नहीं होने से फसलें जल रही हैं तो कहीं बुआई के तुरंत बाद बारिश होने से फसलें उग नहीं पाई। ऐसे में कई किसानों द्वारा दो-तीन बार बुआई करने के बावजूद फसलें पनप नहीं पाई हैं और उन्हें खाद, बीज व ट्रेक्टर का खर्चा लगा सो अलग।
इस बार जिले में कृषि विभाग ने बाजरे की बुआई का लक्ष्य 3.40 लाख हैक्टेयर रखा, जिसकी तुलना में अब तक 2.41 लाख हैक्टेयर में बुआई हो पाई है, वहीं मूंग की बुआई का लक्ष्य 5.40 लाख हैक्टेयर रखा गया, जिसकी तुलना में अब तक 3.44 लाख हैक्टेयर में बुआई हुई है। हालांकि कुछ किसान अब भी बाजरा व मूंग की बुआई कर रहे हैं, लेकिन दोनों फसलों की बुआई का उपयुक्त समय निकल रहा है। ऐसे में एक-दो दिन में बारिश नहीं हुई तो दोनों महत्वपूर्ण फसलों की बुआई इस बार काफी कम रहेगी।
फसल – लक्ष्य – प्राप्ति
ज्वार – 50000 – 31650
बाजरा – 340000 – 241353
मूंग – 540000 – 344801
मोठ – 105000 – 18177
मूंगफली – 17000 – 22024
तिल – 10000 – 1292
ग्वार – 115000 – 53698
कपास – 54000 – 40905
अन्य – 7000 – 2170
कुल – 1246000 – 759975
(बुआई के आंकड़े हैक्टेयर में है।)
जिले में इस बार 12.46 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में खरीफ बुआई का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अब तक करीब 61 फीसदी क्षेत्र में बुआई हो चुकी है। जिले की नावां, कुचामन, नागौर, लाडनूं, परबतसर तहसीलों में अब तक काफी कम बारिश हुई है, जिसके कारण बुआई नहीं हो पाई है। अब ज्वार, तिल, ग्वार व मोठ की बुआई के लिए उपयुक्त समय है।
– हरजीराम चौधरी, उप निदेशक, कृषि विभाग, नागौर